विधानसभा में नगरीय विकास विभाग की अनुदान मांगों पर बहस के दौरान गाली देने के मामले में मंगलवार को कांग्रेस के विधायक शांति धारीवाल ने सदन में माफी मांग ली है। माफी के बाद विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने व्यवस्था देते हुए कांग्रेस विधायक धारीवाल को कड़ी चेतावनी के साथ ही भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति ना हो दो दिन सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेने की सजा दी गई।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने चेतावनी देते हुए कहा कि आगामी दो दिन तक सदन में तो आ सकेंगे लेकिन विधानसभा की कार्रवाई में हिस्सा नहीं लेंगे। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि मैं तो चाहता था जिस तरह का आचरण था,चार साल तक सदन के सदस्यता से निलंबित किया जाए । उन्होंने कहा कि आपके दल के सदस्यों के आग्रह और माफी के बाद मैंने फैसला किया।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा किकांग्रेस विधायक शांति धारीवाल जिस तरह का आचरण किया गया, इससे सदन की गरिमा को भारी ठेस पहुंची, आपको अंदाजा नहीं है, जब मीडिया में यह बात गई तो इस सदन की क्या गरिमा रह गई? इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। आगे से चेतावनी है कि आप आचरण ठीक रखें। सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाने के किसी गलत प्रवृत्ति को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
विधानसभा में कांग्रेस विधायकशांति धारीवाल द्वारा गाली देने पर प्रतिपक्ष नेता टीकाराम जूली और कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने सदन में माफी मांगी।
प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली और विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल को माफ करने का आग्रह किया।
कांग्रेस विधायक राजेंद्र पारीक जब सभाापति की कुर्सी पर थे, तो उन्होंने वे शब्द कार्यवाही से हटा दिए थे। विधानसभा अध्यक्षवासुदेव देवनानी ने व्यवस्था देने की बात कही, हम तो निवेदन कर रहे हैं। उन्होंने हा- 29 जुलाई को मुख्यमंत्री जी रोहित बोहरा को संबोधित कर रहे थे, उनके मुंह से विवेक निकल गया, लेकिन उनकी मंशा खराब नहीं थी।
सरकारीमुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि जब 19 साल के हैं तो सजा भी वैसी ही दी जाए। फिर तो इन्हें हाथ ऊपर करवाकर शाम तक खड़े कर दें, यह कुतर्क है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल ने जिस तरह के शब्द सदन में बोले वो गिरते स्तर का परिचायक है।
कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल ने कहा कि मैं 40 साल से जीतता आ रहा हूं, मैंने हमेशा इस आसन को सर्वोच्च मानकर ही चला हूं। मेरा आसन का अपमान करने का कोई इरादा नहीं हैं। उन्होंने कहा किकोटा दक्षिणसे भाजपा विधायक संदीप शर्मा जब पहली बार सभापति की कुर्सी पर बैठे तो इस पूरे सदन में अकेला आदमी था, जिसने कहा था आज सबसे ज्यादा खुश हूं कि ये विराजमान है। उन्होंने कहा कि जहां तक संदीप शर्मा की बात है तो वो मेरे बेटे के दोस्त है। हमेशा हंसी मजाक चलती रहती है। जब भी मिलते हैं, हल्की फुल्की बातें करते हैं।
भाजपाके विधायक श्री चंद कृपलानी ने यह मामला उठाते हुए विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी से आग्रह किया कि वे शांति धारीवाल वाले मामले में व्यवस्था देकर दंडित करें।