राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागडे ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में गांव—गरीब और कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए कार्य करने का निरंतर प्रयास रहा है। राजस्थान में भी अब सभी को साथ लेकर काम करूंगा। प्रयास रहेगा कि राजस्थान सभी क्षेत्रों में अग्रणी बने।
राज्यपाल बागडे मुख्यमंत्री निवास में अभिनंदन- वंदन कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कलराज मिश्र ने संविधान जागरूकता के लिए जो नवाचार किए वह बहुत महत्वपूर्ण है। प्रयास करूंगा कि उनके कार्यों को आगे बढ़ाया जाए।
उन्होंने कहा कि सहकारिता, पशुपालन, डेयरी, शिक्षा, ग्रामीण विकास एवं कमजोर तबके के लोगों के उत्थान में मेरी विशेष रूचि रही है। प्रयास करूंगा कि राज्यपाल रहते हुए इन क्षेत्रों में काम करते हुए राजस्थान को विकास की राहों पर ले जाया जाए।
राज्यपाल बागडे ने अपने अभिनंदन के प्रति आभार जताते हुए कहा कि सहकारिता का अर्थ ही है मिल—जुल कर कार्य करें। इसी सोच से भविष्य में कार्य होगा। उन्होंने राजभवन में बने संविधान पार्क की चर्चा करते हुए कहा कि बाबा साहब भीमराव आंबेडकर संविधान सभा के अध्यक्ष रहे। वह महाराष्ट्र से ही थे।
उन्होंने पंडित दीनदयाल जी को स्मरण करते हुए कहा कि उनके साथ तीन दिन रहने का सौभाग्य मिला। जनसंघ का 1967 में अधिवेशन था, उसमें माननीय दीनदयाल जी आए थे। तब उनकी सेवा का और साथ रहने का अवसर मिला।
राज्यपाल बागडे ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में रहते सदा गांव गरीब के लिए कार्य करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि दुग्ध व्यवसाय के लिए शुरू से हमने कार्य किया। दूध के विपणन के लिए रणनीति बनाकर कार्य किया। पशुपालन, खेती से, सहकारिता से कैसे आम जन का कल्याण हो, इस पर कार्य किया जाए।
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने स्वागत संबोधन में कहा कि श्री हरिभाऊ किसनराव बागडे़ का प्रदेश के नए राज्यपाल के रूप में दायित्व ग्रहण करना हमारे लिए प्रसन्न्ता का क्षण है एवं जन सेवा का उनका व्यापक अनुभव प्रदेश के विकास में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में प्रदेशवासियों की आकांक्षाओं और उम्मीदों पर हमारी सरकार खरा उतरने में सफल रहेगी। शर्मा ने निवर्तमान राज्यपाल श्री कलराज मिश्र के कार्यकाल को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि सार्वजनिक कार्यक्रमों, विधानसभा, विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोहों में संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों के वाचन की शुरुआत, संविधान पार्क एवं संविधान वाटिकाओं की स्थापना के साथ ही विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को लेकर उनके द्वारा किए गए नवाचारों से प्रदेश लाभान्वित हुआ है। निवर्तमान राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि भारतीय संविधान की प्रस्तावना विश्व की सबसे अच्छी प्रस्तावना है और यह भारतीय संस्कृति का मूर्त रूप है। श्री मिश्र ने आदिवासी क्षेत्रों के विकास एवं संवैधानिक जागरूकता के लिए किए गए विशेष प्रयासों का उल्लेख करते हुए अपने कार्यकाल के अनुभव साझा किए। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मनिन्द्र मोहन श्रीवास्तव, उप मुख्ययमंत्री श्रीमती दिया कुमारी एवं डॉ. प्रेमचंद बैरवा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, मंत्रिगण, विधायकगण एवं मुख्य सचिव सुधांश पंत सहित वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।