इजरायल, ईरान, लेबनान और गाजा में अब जो होने वाला है उसकी आहट पूरी दुनिया को सुनाई दे रही है। दुनिया न सिर्फ मिडिल ईस्ट बल्कि वर्ल्ड वॉर के मुहाने पर खड़ी है। जिसमें सिर्फ तबाही ही तबाही होगी। ईरान तैयार है और साथ ही इजरायल भी तैयार है। भीषण युद्ध किसी भी वक्त शुरू हो सकता है और इसकी बड़ी तैयारी भी कर ली गई है। इजरायल के पांच दुश्मन अपनी पूरी ताकत के साथ इस्माइल हानिया की मौत का बदला लेने के लिए सबसे बड़ा हमला करने वाले हैं। वहीं नेतन्याहू हर हमले का बड़ा जवाब देने की बात कर चुके हैं।
बंकर में नेतन्याहू
मीडिल ईस्ट में जंग की शुरुआत किसी भी क्षण हो सकती है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिकंन ने हमले को लेकर जी-7 देशों को चेतावनी दे दी है। अमेरिका ने भी तैयारी कर रखी है। वहीं इजरायल भी तैयार है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बंकर में जाने की भी खबरे सामने आ रही है। इसके लिए येरुशेलम में एक अंडरग्राउंड बंकर तैयार किया गया है। जहां सीनियर लीडर युद्ध के दौरान लंबे समय तक रह सकते हैं। नेतन्याहू के लिए बना ये बंकर हथियारों से होने वाले हमलों को झेल सकता है। इसमें कमांड और कंट्रोल की क्षमताएं है। ये तेल अवीव में रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय से भी जुड़ा हुआ है। इस बंकर को ईरान और हिजबुल्ला के हमलों के डर के बीच में तैयार किया गया है।
कुछ ही घंटे में युद्ध शुरू हो सकता है
ब्लिंकन ने अमेरिकी सहयोगियों के साथ समन्वय के लिए एक कॉन्फ्रेंस कॉल बुलाई जिसमें उन्होंने कहा कि अमेरिका का मानना है कि ईरान और हिजबुल्लाह दोनों जवाबी कार्रवाई करेंगे। सूत्रों ने कहा कि उन्होंने कहा कि अमेरिका को हमलों का सही समय नहीं पता है लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि यह अगले 24-48 घंटों में शुरू हो सकता है। ब्लिंकन ने जी7 देशों से यह भी कहा कि अमेरिका ईरान और हिजबुल्लाह के हमलों को यथासंभव सीमित करने और फिर इजरायली प्रतिक्रिया को नियंत्रित करने की कोशिश करके बढ़ते चक्र को तोड़ने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने देशों से अधिकतम संयम बनाए रखने के लिए ईरान, हिजबुल्लाह और इज़राइल पर राजनयिक दबाव बनाने का भी आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्र में अमेरिकी उपस्थिति बढ़ाने का उद्देश्य रक्षात्मक उद्देश्य था।
विदेशी नागरिकों को तत्काल लेबनान खाली करने की सलाह
जैसे ही मध्य पूर्व में तनाव बढ़ता है, क्षेत्रीय संघर्ष की आशंका के बीच विदेशी नागरिकों को तत्काल लेबनान खाली करने की सलाह दी जाती है। देश हाई अलर्ट पर है क्योंकि ईरान और उसके सहयोगी देश हाल ही में हुई हाई-प्रोफाइल हत्याओं के लिए इजरायल पर आरोप लगाने के लिए अपनी प्रतिक्रिया तैयार कर रहे हैं। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति के अनुसार “हर कीमत पर” सैन्य टकराव से बचने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, राजनयिक पूर्ण पैमाने पर तनाव को रोकने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
तीनों रास्ते पर अमेरिका ने बिठाया पहरा
भूमध्य सागर पर अमेरिका की ओर से डिस्ट्रॉयर शिप और फ्रिगेट की तैनाती कर दी गई है। लाल सागर में सुरक्षा के लिहाज से ऐहतियाती तौर पर अतिरिक्त सैनिक और जेट लगाए गए। अदन की खाड़ी में बैटल शिप लिंकन को तैयार रखा गया है। ऐसे में अगर ईरान समर्थित हूती विद्रोही गुट भी आते हैं तो वे भी मारे जाएंगे।