आगामी विधानसभा चुनाव में राजस्थान से प्रदेश की अलोकतांत्रिक, जनविरोधी जंगलराज और भ्रष्टाचार से परिपूर्ण कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए भारतीय जनता पार्टी राजस्थान प्रदेश ने विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए समाज के विभिन्न वर्गों मैं पार्टी की नीतियों और योजनाओं को पहुंचाने के लिए कार्यक्रम तय किए हैं…जिसके अंतर्गत 18 अगस्त को उदयपुर के सुखड़िया विश्वविद्यालय में स्थित ऑडिटोरियम में जनजाति प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है जिसके मुख्य वक्ता झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय जनजाति मंत्री अर्जुन मुंडा होंगे।
भारतीय जनता पार्टी उदयपुर के मीडिया सेंटर पर आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए जनजाति मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष नारायण मीणा ने उपस्थित मीडिया के बंधुओं से रूबरू होते हुए कहा कि कांग्रेस शासन में जनजाति वर्ग का भला नहीं हो पाया बरसों बरसों तक राज करने के बाद भी कांग्रेस ने जनजाति वर्ग को केवल वोट की पेटी तक ही सीमित रखा ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने जनजाति वर्ग के लिए अनेकों कार्य योजनाएं लाकर जनजाति वर्ग के उत्थान के लिए कार्य किया इन सब बातों को लेकर जनजाति वर्ग के सभी जनप्रतिनिधि सरपंच उपसरपंच जिला परिषद सदस्य पंचायत समिति सदस्य प्रधान उप प्रधान जिला प्रमुख प्रमुख छात्र संघ के पूर्व वर्तमान अध्यक्ष और अनेकों क्षेत्र में कार्य करने वाले जनजाति वर्ग के प्रमुख व्यक्तियों का यह सम्मेलन 18 अगस्त को होने जा रहा है। इसमें जनजाति वर्ग के उत्थान के लिए अनेकों बातों पर विचार विमर्श किया जाएगा और जनजाति मंत्री अर्जुन मुंडा के सानिध्य में इन सब विचारों को प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार तक पहुंचा कर उसको लागू करा इस वर्ग का उत्थान किया जाएगा।
प्रेस वार्ता में जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश के उपाध्यक्ष चुन्नीलाल गरासिया ने बताया कि आजादी के बाद पहली बार अटल जी की जो सरकार आई थी उसमें अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लिए एक व्यवस्थित विभाग बनाया गया मंत्रालय बना उसके बाद जनजाति वर्ग के उत्थान के लिए आयोग भी बनाया गया कांग्रेसमें सालों साल राज किया परंतु जनजाति वर्ग के बंधुओं को केवल वोट बैंक ही माना उनके उत्थान के लिए कभी ध्यान नहीं दिया जब से मोदी सरकार आई है उन्होंने अपने कैबिनेट में जनजाति वर्ग के 8 मंत्रियों को स्थान दिया 9 वर्ष की उपलब्धियों में देश की आजादी के बाद सबसे बड़ी उपलब्धि जनजाति क्षेत्र के लोगों के लिए जो कि वह शिक्षा की व्यवस्था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल बनाने का निर्णय लिया उन्होंने बताया कि देशभर में 540 इस प्रकार के विद्यालय बनाकर उच्च शिक्षण प्रशिक्षण देने का कार्य प्रारंभ किया है जिसमें राजस्थान में 11 और उनके संसदीय क्षेत्र में 6 विद्यालय खोले जा रहे हैं जिसमें तीन का शुभारंभ हो चुका है और तीन प्रगति पर है उन्होंने बताया कि इसका स्टाफ भी केंद्र सरकार द्वारा ही तय किया जाएगा और उसमें पढ़ने वाले जनजाति क्षेत्र के बच्चों को मुफ्त शिक्षण प्रशिक्षण एवं उनकी सभी व्यवस्थाएं निशुल्क की जाएगी और उन्हें उच्च श्रेणी का अध्यापन प्राप्त होगा।