राजधानी के जयपुरिया हॉस्पिटल में बनी नई ट्रोमा सेंटर की बिल्डिंग की क्वालिटी की पोल पहली ही बारिश में खुल गई। इमरजेंसी में कई जगह से फॉल सिलिंग से पानी टपकने लगा है। वहीं एमआरआई सेंटर के सामने बने नवनिर्मित भवन जिसमें ब्लड कलेक्शन सेंटर बना है वहां तो फॉल सिलिंग ही भरभराकर गिर गई, जिसे अब बल्लियों की मदद से रोका गया है। इस कारण यहां स्टाफ भी बैठने से डरने लगा है।
दरअसल जयपुरिया हॉस्पिटल में नवनिर्मित ट्रोमा सेंटर को बने अभी 6 से 8 माह ही हुए है। इस सेंटर को बनाने पर करीब 5.78 कराेड़ की लागत आई है। परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग के रोड सेफ्टी फंड से बने इस सेंटर में अब जगह-जगह से फॉल सिलिंग टपकने लगी है। एक्स-रे रूम के बाहर भी जगह-जगह से पानी टपक रहा है।
इधर एमआरआई सेंटर के सामने बने नए भवन जिसमें ब्लड कलेक्शन सेंटर और कुछ दुकानें बनाई है वहां भी बरसात का पानी टपकने लगा है। ब्लड कलेक्शन सेंटर में तो कल फॉल सिलिंग का एक बड़ा हिस्सा भरभराकर गिर गया। जो फॉल सिलिंग गिरी उसके आसपास की छत का हिस्सा भी बरसात के पानी से इतना कमजोर हो गया है कि गिरने के कगार पर है। इसे देखते हुए वहां के स्टाफ ने दो बल्लियां लगाकर उनको सहारा देकर रोका है। ब्लड सेंटर की इस बिल्डिंग में फॉल सिलिंग गिरने की घटना के बाद यहां कर्मचारियों में भी डर बैठ गया।
आपको बता दें कि ब्लड सेंटर पर हर रोज 500 से ज्यादा लोग जांच के लिए सैंपल देने आते है। इस हॉस्पिटल वर्तमान में ढाई हजार से ज्यादा ओपीडी में मरीज दिखाने आ रहे है।
काउंटर बंद करवाया, अंदर से शुरू किया रजिस्ट्रेशन
बारिश के कारण पानी टपकने से रजिस्ट्रेशन काउंटर भी बंद करके अंदर शुरू करवाना पड़ा। रजिस्ट्रेशन काउंटर पर लगातार पानी टपकने और कम्प्यूटर, प्रिंटर पर पानी गिरने के कारण इसे बंद करके अंदर सीनियर सिटीजन और गर्भवती महिलाओं के रजिस्ट्रेशन काउंटर से सामान्य रजिस्ट्रेशन की पर्चियां बनवानी पड़ रही है।
हम व्यवस्थाएं सुधरवाने का प्रयास कर रहे है
इस मामले में हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉक्टर महेश मंगल का कहना है कि यहां व्यवस्थाएं सुधारने के लिए हम प्रयास कर रहे है, ताकि मरीजों को कोई परेशानी न हो। इसके लिए कॉन्ट्रेक्टर को भी कह दिया है, वह जल्द से जल्द इसमें सुधार करेगा।