राजस्थान के जनजाति मंत्री (TAD) बाबूलाल खराड़ी ने कहा कि देश विरोधी किसी भी राजनीतिक दल के साथ भाजपा समझौता नहीं करेगी। यह बात उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत के भाजपा में आने की चर्चा के एक सवाल के जवाब में कहीं। धर्मांतरण पर बोले कि राजस्थान को अखाड़ा नहीं बनने दिया जाएगा।
मंत्री खराड़ी ने आज उदयपुर के पारस महल होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जब उनसे BAP पार्टी के सांसद राजकुमार रोत की भाजपा में एंट्री की बातों को लेकर चर्चा पर पूछा तो बोले कि डूंगरपुर में भाजपा की स्थिति कमजोर नहीं है। वहां कमजोर स्थिति किस की थी वह सबको पता है। हम ऐसे किसी भी राजनीतिक दल से समझौता नहीं करेंगे जो देश के खिलाफ है, समाज के खिलाफ है।
राजस्थान भाजपा के प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल के रोत की और से आदिवासी क्षेत्र में जागरूकता को लेकर कहा था कि वे विकास के लिए मोदी के साथ आने की बात पर खराड़ी बोले कि न ऐसा कोई प्रस्ताव आया न चर्चा हुई। भाजपा में आना चाहते है तो वैसा संस्कार होना चाहिए नहीं तो भाजपा स्वीकार नहीं करती है। कभी हृदय परिवर्तन होता है तो स्वागत है।
आदिवासी हिंदू के सवाल पर खराड़ी ने कहा कि आदिवासी परंपरा से हिंदू है। भगवान राम लंका जा रहे थे तब रामसेतु बनाया था उसमें शामिल नल और नील भी जनजाति ही थे। आज भी हम शादी करते है तो अग्नि को साक्षी रहकर सात फेरे लेते है। हम तुलसी, पीपल की पूजा करते है। आदिवासी हिंदू नहीं कैसे कह सकते है।
खराड़ी ने कहा कि आदिवासी हिंदू नहीं है यह बात वे लोग कहते है जो धर्मान्तरित हुए है। राजनीतिक लाभ लेने के लिए कहते है। उनके पीछे भी कई राजनीतिक ताकते काम कर रही है। ये ताकते आर्थिक और वैचारिक रूप से उनकी मदद कर रही है लेकिन आदिवासी हिंदू है और रहेगा।
धर्मांतरण के सवाल पर कहा कि धर्म परिवर्तन करने वाला व्यक्ति आदिवासी नहीं रहता है, ऐसे में वह एसटी के आरक्षण समेत दूसरे फायदे का भी हकदार नहीं है। इसके लिए डीलिस्टिंग के प्रयास किए जा रहे हैं। वास्तवित को इसका फायदा मिले। बोले राजस्थान को अखाड़ा नहीं बनने दिया जाएगा।
पिछले दरवाजे से शराब बेचने वालों पर कार्रवाई करेंगे
खराड़ी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि रात आठ बजे बाद पिछले दरवाजे से शराब बेचने वालों पर कार्रवाई करेंगे। इसके लिए आबकारी विभाग के अधिकारियों से कहकर गश्त भी बढ़ाएंगे। इस दौरान सांसद मन्नालाल रावत, भाजपा शहर अध्यक्ष रवींद्र श्रीमाली, देहात अध्यक्ष चंद्रगुप्त सिंह चौहान, जिला प्रमुख ममता कुंवर, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष शांतिलाल चपलोत आदि मौजूद थे।