Saturday, October 12, 2024

राजस्थान में नए जिलों पर फैसला टला

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अशोक गहलोत के कार्यकाल में राजस्थान में बनाए गए 17 नए जिलों के भविष्य का फैसला फिलहाल टल गया है। सीएम भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी की आज हुई बैठक में कोई फ़ैसला नहीं हो पाया। 

राजस्थान में नए जिलों पर फैसला टला

अशोक गहलोत के कार्यकाल में राजस्थान में बनाए गए 17 नए जिलों के भविष्य का फैसला फिलहाल टल गया है। सीएम भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी की आज हुई बैठक में नए ज़िलों को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में ललित के. पंवार की रिपोर्ट पर मंथन किया गया, लेकिन कोई फ़ैसला नहीं हो पाया। अब यह तय हुआ है कि 15 दिन बाद दोबारा सब कमेटी की बैठक बुलाई जाएगी। उस बैठक में फैसला लिया जाएगा कि नए जिलों का क्या होगा।

आज की बैठक के बाद जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने कहा, राजस्थान के 17 नए जिलों पर जन भावना के अनुरूप फ़ैसला किया जाएगा। जल्दबाज़ी में कई ज़िले बनाए गए हैं। ये जिले सीमांकन, प्रशासनिक और क्षेत्रीय मापदंडों को पूरा नहीं करते हैं। एक ज़िले पर करीब 2000 करोड़ रुपए का भार आता है। जनता के हित में ही निर्णय लिया जाएगा। वहीं, राजस्व मंत्री हेमंत मीणा ने कहा कि आज की बैठक में सारे पहलुओं पर विचार किया गया, लेकिन कमेटी किसी अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंच सकी।

पिछली गहलोत सरकार ने जयपुर और जोधपुर जिले के विभाजन सहित 19 जिलों का गठन किया था, जिससे प्रदेश में जिलों की संख्या 50 हो गई थी। नए जिलों का गठन भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी रामलुभाया की सिफारिश पर किया गया था। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद नए जिलों की समीक्षा के लिए डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा के नेतृत्व में कैबिनेट सब कमेटी गठित की गई, जिसकी मदद के लिए एक जुलाई को पूर्व आईएएस ललित के पंवार के नेतृत्व में उच्च स्तरीय विशेषज्ञ कमेटी बनाई गई। कमेटी अध्यक्ष पंवार ने हर नए जिले में जाकर रिव्यू किया और 31 अगस्त को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।

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