Home राज्य हाईकोर्ट ने आसाराम की पैरोल को 5 दिन और बढ़ाने का किया फैसला,पंचकर्म उपचार पूरे नहीं होने के कारण अधिवक्ता भट्ट ने 2 सितंबर को पैरोल बढ़ाने की अपील

हाईकोर्ट ने आसाराम की पैरोल को 5 दिन और बढ़ाने का किया फैसला,पंचकर्म उपचार पूरे नहीं होने के कारण अधिवक्ता भट्ट ने 2 सितंबर को पैरोल बढ़ाने की अपील

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हाईकोर्ट ने आसाराम की पैरोल को 5 दिन और बढ़ाने का फैसला किया है। पहले 13 अगस्त को उसे 7 दिन की पैरोल मिली थी, जिसके तहत वह 27 अगस्त से 2 सितंबर तक पुणे के माधव बाग अस्पताल में इलाज करवा रहा था। 

आसाराम के पंचकर्म उपचार पूरे नहीं होने के कारण उसके अधिवक्ता रामचंद्र भट्ट ने 2 सितंबर को पैरोल बढ़ाने की अपील की थी। हाईकोर्ट की जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी और मुन्नारी लक्ष्मण की बेंच ने इस अपील को स्वीकार कर लिया और 5 दिन की अतिरिक्त पैरोल दी, जिससे वह 7 सितंबर तक अपना इलाज जारी रख सकेगा।

पिछले 7 दिनों की पैरोल के दौरान आसाराम के 21 पंचकर्म उपचार होने थे, लेकिन केवल 10 ही हो पाए थे। उसकी सेहत में सुधार हो रहा है, इसलिए उसे अतिरिक्त समय दिया गया है। पैरोल की अवधि समाप्त होने के बाद उसे फिर से जोधपुर लौटना होगा।

जयपुर के ग्रामीण इलाके में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें चलती बोलेरो पर नीम का पेड़ गिरने से कार में सवार एक स्कूल प्रिंसिपल की मौत हो गई। यह घटना गठवाड़ी गांव में सुबह करीब 7:30 बजे हुई। प्रिंसिपल प्रकाश चंद मीणा (58), जो गांव के ही सरकारी स्कूल में कार्यरत थे, स्कूल जा रहे थे जब यह हादसा हुआ।

हादसे के वक्त प्रिंसिपल की गाड़ी गांव के बाजार से गुजर रही थी। अचानक, एक पुराना और भारी नीम का पेड़ उनकी बोलेरो पर गिर गया, जिससे गाड़ी की छत पूरी तरह पिचक गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन पेड़ इतना भारी था कि इसे हाथ से हटाना संभव नहीं हो पाया। बाद में क्रेन की मदद से पेड़ को हटाया गया, लेकिन तब तक प्रिंसिपल की मौत हो चुकी थी।

गठवाड़ी के सरपंच बाबूलाल मीणा ने बताया कि नीम का पेड़ काफी पुराना और झुका हुआ था, जिससे वह कमजोर हो गया था। हादसे के बाद लगभग 45 मिनट तक प्रिंसिपल का शव गाड़ी में फंसा रहा। सुबह 8:15 बजे के करीब, उन्हें बाहर निकाला गया और 108 एम्बुलेंस की मदद से पास के एक प्राइवेट अस्पताल में ले जाया गया। पोस्टमार्टम के बाद उनके शव को परिजनों को सौंप दिया गया। इस दुखद घटना से पूरे गांव में शोक की लहर है।

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