Saturday, October 12, 2024

राज्य में 104 प्रकार की औद्योगिक इकाइयां श्वेत श्रेणी में शामिल

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राज्य सरकार एक ओर जहाँ स्वच्छ एवं प्रदूषण मुक्त पर्यावरण की उपलब्धता की ओर लगातार प्रयासरत है वही दूसरी ओर राज्य में उद्यमियों के लिए प्रक्रियाओं को आसान करने की दिशा में भी अग्रसर है। प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा नित नए नियम, आदेश एवं सतत निगरानी के साथ प्रदेशवासियों को स्वच्छ एवं प्रदूषण मुक्त पर्यावरण उपलब्ध करवाने के प्रयास किये जा रहे है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रदूषण मुक्त राजस्थान की संकल्पना के साथ राज्य में स्थित उद्योगों को प्रोत्साहन देने एवं औपचारिकताओं को न्यूनतम रखने के उद्देश्य के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के सतत प्रयासों से राज्य में श्वेत श्रेणी की औद्योगिक इकाइयां जो की सामान्तया प्रदूषण रहित मानी जाती है, की संख्या 102 से बढ़ाकर 104 की गयी।

– गैसीय ईंधन पर आधारित 1 एमवीए तक सैंडस्टोन डीजल जनरेटर सेट एवं स्वच्छ ईंधन के साथ शहद बनाने वाली इकाइयों सहित 104 प्रकार की औद्योगिक इकाइयां शामिल श्वेत श्रेणी में शामिल

राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के अध्यक्ष शिखर अग्रवाल ने बताया कि श्वेत  श्रेणी के अंतर्गत ऐसी औद्योगिक इकाइयां शामिल है, जिनसे प्रदूषण नहीं फैलता एवं जिन्हे राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल से अनुमति नहीं लेनी होती। राज्य में नए उद्यमियों को सस्टेनेबल प्रक्टिसेस एवं बेहतर पर्यावरणीय प्रबंधन तकनीक अपनाने पर प्रोत्साहन के उद्देश्य से श्वेत श्रेणी में विस्तार किया जा रहा है। ऐसी इकाइयों में ब्लू पोटरी, कोल्ड स्टोरेज, अगरबत्ती, हैंडलूम, जेम्स एंड ज्वेलरी, फ्लोरीकल्चर एंड हॉर्टिकल्चर, 5000 तक की संख्या के पोल्ट्री फार्म, इत्यादि के साथ  गैसीय ईंधन पर आधारित 1 एमवीए तक सैंडस्टोन डीजल जनरेटर सेट एवं स्वच्छ ईंधन के साथ शहद बनाने वाली इकाइयाँ सहित 104 प्रकार की औद्योगिक इकाइयां शामिल  है।

उल्लेखनीय है कि राज्य में संचालित औद्योगिक क्षेत्रों को प्रदूषण नियंत्रण मण्डल की दृष्टयता से मुख्यतः चार श्रेणी में प्रदूषण उत्सर्जन क्षमता के आधार पर विभाजित किया गया है। जिसके अंतर्गत श्वेत, हरे, नारंगी एवं लाल रंग की श्रेणी  मुख्यतया शामिल है। जिनकी विभिन्न प्रकार के माध्यमों एवं राज्य प्रदूषण मंडल के 25 क्षेत्रीय कार्यालयों के जरिये सतत निगरानी  के साथ सामयिक निरीक्षण कर राज्य में  प्रदूषण मुक्त पर्यावरण की संकल्पना को साकार करने की दृष्टि से प्रयास किये जा रहे है

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