आज सुबह बीसलपुर बांध के गेट सातवीं बार खोले गए हैं, जिससे बनास नदी में पानी की निकासी शुरू हो गई है। जल संसाधन मंत्री ने स्काडा सिस्टम का बटन दबाकर विधिवत रूप से बांध के गेट खोले। बांध के दो गेट 9 और 10 नंबर को खोला गया है। इस अवसर पर पूजा-अर्चना की गई, जिसके बाद गेट खोले गए। बांध से दो गेटों के जरिए करीब 12,000 क्यूसेक पानी प्रति मीटर की दर से निकाला जा रहा है।
बांध की पूर्ण भराव क्षमता 315.50RL मीटर है, जबकि त्रिवेणी नदी 3.90 मीटर के उफान पर बह रही है, जिससे जलस्तर उच्चतम सीमा पर पहुंच गया। बनास नदी में पानी छोड़े जाने के साथ ही डाउनस्ट्रीम क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। प्रशासन ने बनास नदी के किनारे बसे गांवों में मुनादी करवा दी है, जिससे लोगों को चेतावनी मिल सके।
तीन साल बाद बहती दिखेगी बनास नदी
इस पानी से बनास नदी एक बार फिर तीन साल बाद कल-कल बहती नजर आएगी, जिससे सैकड़ों गांवों में जल स्तर बढ़ेगा। यह 21 साल में सातवीं बार है जब बीसलपुर बांध के गेट खोले गए हैं। इस बांध से जयपुर, अजमेर, टोंक सहित कई जिलों के करोड़ों लोगों को पेयजल आपूर्ति होती है, जिससे यह क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण जल स्रोत बना हुआ है।
अलर्ट मोड पर प्रशासन और बंद किए गए मुख्य मार्ग
इससे पहले 6 बार बीसलपुर बांध अगस्त महीने में ही ओवरफ्लो हुआ है। बांध से पानी की निकासी के बाद टोंक प्रशासन अलर्ट मोड पर है। टोंक जिले में बनास नदी की ओर जाने वाले 10 मुख्य रास्तों पर आवागमन रोक दिया गया है। जिला कलेक्टर सोम्या झा ने बांध से पानी की निकासी को लेकर सभी महकमों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। आस-पास के इलाकों में लोगों को हाई अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।
गुरुवार की रात से ही बांध पर अलर्ट सायरन बजने लगे थे और प्रशासन ने पानी के बहाव वाले क्षेत्रों में जरूरी तैयारी शुरू कर दी थी।