राज्य सरकार ने नगर निगम हेरिटेज महापौर मुनेश गुर्जर को निलंबित करने की तैयारी कर ली है। स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने सोमवार को अपने आवास पर मीडिया से कहा कि एसीबी जब कोर्ट में चालान पेश करके विभाग को सूचित कर देगी, उसी समय महापौर को निलंबित कर दिया जाएगा।
राज्य सरकार ने नगर निगम हेरिटेज महापौर मुनेश गुर्जर को निलंबित करने की तैयारी कर ली है। स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने सोमवार को अपने आवास पर मीडिया से कहा कि एसीबी जब कोर्ट में चालान पेश करके विभाग को सूचित कर देगी, उसी समय महापौर को निलंबित कर दिया जाएगा। इसके बाद मौजूदा पार्षदों में से किसी एक को 60 दिन के लिए अस्थायी तौर पर महापौर का चार्ज सौंपा जाएगा।
मंत्री खर्रा ने कहा कि महापौर का पद जिस वर्ग के लिए आरक्षित है, उसी वर्ग के किसी पार्षद को कार्यवाहक महापौर की जिम्मेदारी दी जाएगी। महापौर पद ओबीसी महिला के लिए आरक्षित है। एसीबी के पत्र के 4 माह बाद राज्य सरकार ने महापौर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति दी है।
नगर निगम हेरिटेज में कांग्रेस का बोर्ड है। मंत्री ने कहा- सरकार जिसे उचित समझेगी, उस पार्षद को चार्ज देगी। कार्यवाहक महापौर का कार्यकाल बढ़ाया जाएगा या चुनाव होंगे, इस पर मंत्री ने कहा- इसका फैसला राज्य चुनाव आयोग करेगा।
बता दें कि यह मामला पट्टे जारी करने के बदले 2 लाख रुपए रिश्वत लेने से जुड़ा है। एसीबी ने 4 अगस्त 2023 को महपौर मुनेश गुर्जर के घर छापा मारा था, जिसमें 2 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए महापौर के पति सुशील गुर्जर और दो दलालों, नारायण सिंह और अनिल दुबे को गिरफ्तार किया गया था। तलाशी के दौरान सुशील गुर्जर के पास से पट्टे की संबंधित फाइलें और 41 लाख रुपए भी बरामद किए गए। साथ ही दलाल नारायण सिंह के घर से 8.95 लाख रुपए मिले थे। मामले में एसीबी ने 2 मई 2023 को राज्य सरकार से अभियोजन की स्वीकृति मांगी थी।