Saturday, October 12, 2024

Haryana Elections 2024: दिल्ली पहुँचते ही अशोक गहलोत को मिली बड़ी जिम्मेदारी

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Haryana Elections 2024: हरियाणा में 5 अक्टुबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए सभी राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। इसी के चलते कांग्रेस ने भी अपनी चाल चल दी है। पिछले तीन महीनों से बेड रेस्ट के बाद राजस्थान के पूर्व सीएम और राजनीति के धुरंधर अशोक गहलोत को पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है।

हरियाणा चुनावों में सीनियर ऑब्जर्वर बनें गहलोत

एक ओर जहां बीजेपी ने हरियाणा इलेक्शन (Haryana Elections 2024) की कमान सतीश पूनियां को सौंपी है तो वहीं कांग्रेस ने अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सीनियर ऑब्जर्वर का पद दिया है। इसके लिए पार्टी ने ऑफिशियली भी घोषणा कर दी है। इनके साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन और प्रताप सिंह बाजवा को भी जिम्मेदारी दी गई है।

कांग्रेस के दो बड़े नेताओं को भी मिली बड़ी जिम्मेदारी

एआईसीसी (AICC) ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। कांग्रेस आलाकमान ने गहलोत के साथ-साथ अजय माकन और पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा को भी वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया है।

आपको बतादें, करीब तीन महीने के बेड रेस्ट के बाद अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) का यह पहला दिल्ली दौरा है। इस दौरान गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) और महासचिव केसी वेणुगोपाल (K.C Venugopal) से मुलाकात की है।

हुड्डा परिवार के करीबी हैं अशोक गहलोत

हरियाणा (Haryana) में पिछले 10 सालों से बीजेपी सत्ता में हैं ऐसे में किसान आंदोलन (Farmer Movement) के समय किसानों के साथ मारपीट, वहीं खिलाड़ियों के आंदोलन को लेकर भी हरियाणा की जनता में बीजेपी के प्रति आक्रोश है और इसी अवसर को कांग्रेस भुनाना चाहती है। दूसरी ओर हरियाणा में हुड्डा परिवार के साथ अशोक गहलोत की करीबी और लंबा राजनीतिक अनुभव के चलते उन्हें ये जिम्मेदारी सौंपी गई है। अशोक गहलोत राजनीति मे रणनीति बनाने के खिलाड़ी माने जाते हैं और इस बार भी वो कोई बड़ा दाव हरियाणा विधानसभा चुनावों में खेलने वाले हैं। 

बताते चलें कि हरियाणा में कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP) के बीच ही सीधा मुकाबला है। क्योंकि किसान आंदोलन (Farmer Movement) की वजह से जेजेपी का जनाधार इस बार कमजोर हुआ है।

लोकसभा चुनाव में भी मिली थी बड़ी जिम्मेदारी

मालूम हो लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) के दौरान भी अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) को कांग्रेस आलाकमान ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी। क्योंकि जब राहुल गांधी ने अमेठी से चुनाव ना लड़कर रायबरेली से चुनाव लड़ा तो अमेठी सीट की जिम्मेदारी अशोक गहलोत को दी गई थी। अशोक गहलोत को सीनियर ऑब्जर्वर बनाकर भेजा गया था। इन चुनावों में अमेठी से किशोरी लाल शर्मा ने जीत दर्ज की थी। 

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