माधोराजपुरा में भाजपा नेता द्वारा 42 करोड़ रुपये के सड़क प्रोजेक्ट के तहत 5 बीघा सरकारी चरागाह भूमि पर डामर प्लांट स्थापित करने का मामला सामने आया है। यह अवैध कब्जा पिछले 9 महीनों से चल रहा था, जिसके बावजूद स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई।
मुख्य बिंदु:
- प्रोजेक्ट: भाजपा नेता का 42 करोड़ रुपये का सड़क निर्माण प्रोजेक्ट।
- अवैध कब्जा: 5 बीघा सरकारी चरागाह भूमि पर डामर प्लांट स्थापित।
- कंपनी: भाजपा नेता शुभकरण चौधरी और मंत्री खारी के परिजन की।
- नोटिस: स्थानीय प्रशासन ने फरवरी 2024 में नोटिस भेजा, पर कोई जवाब नहीं।
- स्थानीय प्रतिक्रिया: सरपंच और ग्रामीणों में मिली-जुली प्रतिक्रिया।
शहर से लगे फागी तहसील के माधोराजपुरा गांव में चरागाह की जमीन पर अक्टूबर 2023 में डामर प्लांट लगाने की अनुमति दी गई थी। इस क्षेत्र में चार प्रमुख सड़कें — फागी-माधोराजपुरा, माधोराजपुरा-टांगवा, और अन्य मार्गों के निर्माण के लिए प्लांट लगाया गया था। भाजपा नेता शुभकरण चौधरी और मंत्री खारी के परिजन मैनेजर की कंपनी द्वारा यह कार्य किया गया।
चरागाह भूमि पर व्यवसायिक उपयोग की मंजूरी सिर्फ 1 दिन में!
विशेष बात यह रही कि जिस भूमि पर डामर प्लांट का निर्माण किया गया, वह चरागाह के रूप में चिन्हित थी। हालांकि, 1 दिन के भीतर स्थानीय प्रशासन से व्यवसायिक उपयोग की अनुमति मिल गई थी, जो कि आमतौर पर लंबी प्रक्रिया होती है। कंपनी ने 5 अक्टूबर 2023 को प्लांट लगाने का काम शुरू किया, और इस साल 18 महीनों के कार्यकाल में इसे पूरा किया गया।
अवैध कब्जे के खिलाफ पंचायत ने जारी किया नोटिस
इस अवैध कब्जे के खिलाफ फरवरी 2024 में स्थानीय पंचायत की ओर से नोटिस भी जारी किया गया था। इसमें कहा गया था कि चरागाह की भूमि पर व्यवसायिक उपयोग नहीं हो सकता, और इसका सार्वजनिक उपयोग के लिए ही होना चाहिए। लेकिन 6 महीने बाद भी इस नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया गया और प्लांट का निर्माण चलता रहा।
सरपंच का बेतुका बयान
जब इस मामले में स्थानीय सरपंच से बात की गई तो उन्होंने कहा कि, “अगर जमीन खाली थी तो उसका उपयोग प्लांट लगाने के लिए किया जा सकता था, क्योंकि यह गांव के विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। लेकिन, इसका बेहतर समाधान भी निकाला जा सकता था।
भाजपा नेता शुभकरण चौधरी की मांग
वहीं भाजपा नेता शुभकरण चौधरी का कहना है कि यह प्लांट सिर्फ 4 महीने के लिए है, और जैसे ही निर्माण कार्य पूरा होगा, प्लांट हटा लिया जाएगा। इस बीच, रामदत्त शर्मा जैसे स्थानीय लोगों ने भी सरकार और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है और न्यायिक कार्रवाई की मांग की है।