प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपरलीक के आरोपों से घिरी राज्य सरकार ने नकल माफिया पर शिकंजा कसा है. अब भर्ती परीक्षाओं में पेपरलीक के दोषी को 10 करोड़ रुपए तक जुर्माने के साथ ही उम्रकैद तक की सजा होगी. इससे संबंधित कानून लागू हो गया है. ऐसी सख्त सजा का प्रावधान करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है.
विधानसभा ने पिछले माह कानून में इन प्रावधानों को शामिल करने के लिए राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के अध्युपाय) (संशोधन) विधेयक-2023 पारित किया था. राज्यपाल की मंजूरी के बाद पर राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है, जिससे यह विधेयक अब कानून के रूप में बदल गया है. यह कानून तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है.
प्रावधान ये भी…
कानून में सजा और जुर्माने के साथ ही लिप्त व्यक्ति की सम्पत्ति कुर्क करने और परीक्षा व्यय की राशि वसूलने का भी प्रावधान है. कानून में इस अपराध को संज्ञेय और गैर जमानती बनाया गया है.
अब न्यूनतम 10 साल की सजा
पेपरलीक के मामलों में अब न्यूनतम 5 के बजाय 10 वर्ष की सजा होगी. इसी तरह अब अधिकतम 10 वर्ष के बजाय उम्रकैद तक की सजा दी जा सकेगी. इसके अलावा 10 लाख से 10 करोड़ रुपए तक जुर्माना भी हो सकेगा, जिसका प्रावधान पहले से ही है. इससे अब प्रदेश में अन्य राज्यों की तुलना में पेपरलीक के मामले में अधिक सख्त सजा होगी.