बेंगलुरु में एक और खौफनाक हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। 29 साल की महालक्ष्मी की हत्या कर दी गई, और उसके शव के 59 टुकड़े कर दिए गए।
आरोपी था महालक्ष्मी का बॉस, मुक्तिरंजन राय, जिसने शादी के दबाव से परेशान होकर यह जघन्य अपराध किया। इस घटना ने न सिर्फ बेंगलुरु बल्कि पूरे देश को हैरान कर दिया है।
21 सितंबर को, जब महालक्ष्मी की मां और बहन ने उसे ढूंढा, तो घर से आती दुर्गंध ने इस भयावह सच को सामने लाया।
भारत में होने वाले ऐसे चर्चित मामलों पर एक नज़र—
हैदराबाद की अरुषि रेड्डी का मामला भी कुछ ऐसा ही था। 2022 में वो अपने ऑफिस से घर लौटते वक्त अचानक गायब हो गई। परिवार ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन महीनों तक कोई सुराग नहीं मिला। आज भी अरुषि के परिवार को उसकी वापसी का इंतजार है।
मुंबई की सुनीता शर्मा का मामला भी काफी चर्चा में रहा। 2021 में वो एक मॉल में गई थी, लेकिन उसके बाद उसका कोई अता-पता नहीं चला। CCTV फुटेज में आखिरी बार उसे मॉल के बाहर जाते हुए देखा गया था, लेकिन उसके बाद वो कभी वापस नहीं आई। ये मामला आज भी अनसुलझा है।
इन सब घटनाओं में कुछ समानताएं हैं—गुमशुदा होने से पहले की गई आखिरी गतिविधियां, जांच में मिले सुराग, और पुलिस की कोशिशें। लेकिन एक बड़ा सवाल ये है: क्या इन मामलों के पीछे कोई बड़ा रैकेट काम कर रहा है, या फिर ये सिर्फ अलग-अलग घटनाएं हैं?
दिल्ली की शालिनी वर्मा का केस भी काफी रहस्यमयी है। वो 2019 में अपने घर से कॉलेज के लिए निकली थी, लेकिन वो कॉलेज पहुंची ही नहीं। कुछ चश्मदीदों ने उसे मेट्रो स्टेशन के पास देखा था, लेकिन उसके बाद से वो गायब है। पुलिस आज भी इस मामले को सुलझाने की कोशिश कर रही है।
महालक्ष्मी हत्याकांड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। एक रहस्यमयी मर्डर जिसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। (Pause) लेकिन क्या ये पहला ऐसा मामला है?
ऐसा ही एक मामला 2019 में भी सामने आया था, जब एक महिला को उसके ही घर में मार दिया गया था। जांच में पाया गया कि पति ही इस अपराध का दोषी था। और 2021 में, नोएडा में एक व्यवसायी की हत्या भी इसी तरह रहस्यमयी परिस्थितियों में हुई थी। दोनों मामलों में भी शुरुआत में सुराग बहुत कम थे, लेकिन धीरे-धीरे परतें खुलती गईं
नेशनल क्राइम ब्यूरो (NCB) के ताजा आंकड़े
नेशनल क्राइम ब्यूरो (NCB) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 5 सालों में घरेलू हत्याओं के मामलों में 15% की बढ़ोतरी हुई है। ऐसे मामलों में अक्सर घरेलू हिंसा और व्यक्तिगत रंजिश का हाथ होता है। (Pause) क्या महालक्ष्मी केस भी इसी पैटर्न का हिस्सा है?
अब सवाल ये उठता है—क्या ये घटनाएं किसी बड़े षड्यंत्र का हिस्सा हैं, या फिर अलग-अलग परिस्थितियों का नतीजा? इन सवालों का जवाब मिलना अभी बाकी है
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, हर दिन दर्ज हो रहे महिला अत्याचार के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। 2022 में दर्ज हुए 4,28,278 मामलों में से कई ऐसे थे, जो इस तरह के जघन्य अपराधों को दर्शाते हैं। सुप्रीम कोर्ट और सरकार लगातार ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई और कठोर सजा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कानून बना रही हैं। लेकिन क्या यह कानून महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को रोक पाएंगे?”