राजस्थान जयपुर: राजस्थान रोडवेज कर्मचारियों की अनदेखी के खिलाफ धरना शुरू
Bharatiya Mazdoor Sangh Dharna: राजस्थान परिवहन निगम के कर्मचारियों द्वारा उपमुख्यमंत्री एवं परिवहन मंत्री के खिलाफ 25 सितंबर को रोडवेज मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया गया। भारतीय मजदूर संघ से संबंधित संगठन राजस्थान परिवहन निगम संयुक्त कर्मचारी फैडरेशन ने यह विरोध प्रदर्शन शुरू किया, जिसमें राज्य सरकार द्वारा रोडवेज कर्मचारियों की समस्याओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया गया है।
धरने में सैंकड़ों कर्मचारियों (Bharatiya Mazdoor Sangh Dharna) ने भाग लिया और 8 सूत्री मांग पत्र के समाधान की मांग की। इस धरने की अध्यक्षता फैडरेशन के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष आनंद सिंह निहाल ने की, जबकि मुख्य वक्ताओं में प्रदेश महामंत्री हरिमोहन शर्मा, सत्यनारायण शर्मा और अन्य नेता शामिल रहे।
मुख्य मांगें:
- 500 नई बसों की खरीद और 1650 नई भर्तियां: सरकार ने बजट 2024-25 में इनका वादा किया था, लेकिन तीन महीने बाद भी कोई प्रगति नहीं हुई।
- वेतन और पेंशन में देरी: कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें समय पर वेतन और पेंशन नहीं मिल रही है।
- भ्रष्टाचार का आरोप: फैडरेशन ने रोडवेज में हुई 397 अनुबंधित बसों के भ्रष्टाचार की जांच लंबित होने की बात कही।
- सेवानिवृत्ति लाभ में देरी: पिछले दो वर्षों से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनके परिलाभ नहीं मिले हैं, जिससे वे आर्थिक संकट में हैं।
- वेतन विसंगति: तकनीकी कर्मचारियों की ग्रेड पे में विसंगति अभी भी बनी हुई है।
प्रदर्शन में कई नेताओं ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर जल्द ही समाधान नहीं हुआ, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
रोडवेज कर्मियों ने सरकार के वादे पर उठाए सवाल
हरिमोहन शर्मा ने सभा को संबोधित करते हुए बताया कि फरवरी 2024 में आबूरोड में आयोजित भारतीय मजदूर संघ के अधिवेशन के दौरान मुख्यमंत्री ने भारतीय मजदूर संघ की सभी मांगों पर त्वरित कार्यवाही का वादा किया था। लेकिन अब तक सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि रोडवेज के कर्मचारी संघ, के वोटों की वजह से ही सरकार सत्ता में आई है, और अब सरकार हमारी अनदेखी कर रही है, अगर ऐसा ही चलता रहा तो कर्मचारी संघ सरकार को सत्ता से बाहर करने का भी काम कर सकता है.
कर्मचारियों को लेकर बजट में की गई घोषणाएं
कर्मचारी फैडरेशन (Bharatiya Mazdoor Sangh Dharna) के प्रदेश महामंत्री सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने 2024-25 के बजट सत्र में 500 नई बसों की खरीद और 1650 नए कर्मचारियों की भर्ती की घोषणा की थी, लेकिन अब तक इसे लागू नहीं किया गया है। इस पर सवाल उठाते हुए उन्होंने बताया कि नौकरशाहों द्वारा इन घोषणाओं को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
रोड़वेज कर्मचारियों ने मीडिया के सामने बताई समस्याएं
धरने (Bharatiya Mazdoor Sangh Dharna) को संबोधित करते हुए विनोद गुप्ता ने रोडवेज में व्याप्त भ्रष्टाचार की ओर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने आरोप लगाया कि निगम प्रबंधन कर्मचारियों को समय पर वेतन और पेंशन देने में असफल साबित हो रहा है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों के बकाया भुगतान भी अब तक लंबित हैं। उन्होंने बताया कि 397 बसों की खरीद में हुए भ्रष्टाचार की जांच अब तक अधूरी है।
विसंगतियों को लेकर रोड़वेज कर्मचारियों ने जताई नाराजगी
प्रदर्शन में शामिल रोड़वेज कर्मचारी दीपक रावत ने कहा कि रोडवेज के तकनीकी कर्मचारियों की वेतन विसंगतियां (Bharatiya Mazdoor Sangh Dharna) अभी भी बरकरार हैं। कई सालों से ग्रेड पे की समस्या को सुलझाने के प्रयास हो रहे हैं, लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकला है। उन्होंने यह भी कहा कि नॉन-टेक्निकल कर्मचारियों के प्रमोशन और डीपीसी को लेकर भी प्रबंधन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।
सरकार ने मांगे नहीं मानी तो जारी रहेगा धरना प्रदर्शन Bharatiya Mazdoor Sangh Dharna
फैडरेशन के अन्य वक्ताओं ने भी अपनी मांगों के लिए एकजुट होकर संघर्ष करने की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रदेश महामंत्री सेवानिवृत्त कर्मचारी महासंघ के मुरारी लाल शर्मा ने कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनके बकाया लाभ नहीं मिल रहे हैं, जिससे वे कर्ज लेने के लिए मजबूर हो गए हैं।फैडरेशन के नेताओं ने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांगों का समाधान नहीं होता, आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कर्मचारियों से आह्वान किया कि वे एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करें।