हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है।महिलाएं हर साल अपने सुहाग की लंबी आयु, स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन के लिए करवाचौथ का व्रत करती हैं यह उपवास निर्जला रखा जाता है. इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और श्रीगणेश की भी पूजा होती है. इस साल यह व्रत 20 अक्तूबर को है.
करवा चौथ का व्रत का महत्व
मान्यताओं के अनुसार, करवाचौथ का व्रत सभी सुहागन महिलाएं निर्जला रहकर अपने पति की लंबी आयु की कामना के लिए करती हैं। यह मान्यता है कि माता पार्वती ने भी भगवान शिव के लिए इस व्रत को रखा था। एक अन्य मान्यता के अनुसार, जब देवताओं का राक्षसों के साथ युद्ध चल रहा था, तब राक्षस देवताओं पर भारी पड़ रहे थे। इस संकट के समय, सभी देवियां ब्रह्मदेव के पास गईं और अपनी समस्याओं से अवगत कराया। उन्होंने ब्रह्मदेव से पूछा कि वे अपनी पतियों की रक्षा के लिए क्या कर सकती हैं। ब्रह्मदेव ने उन्हें करवा चौथ का व्रत रखने का सुझाव दिया। ब्रह्मदेव के बताए अनुसार, सभी महिलाओं ने करवा चौथ का व्रत रखा, जिसके परिणामस्वरूप देवताओं की रक्षा संभव हो सकी। तभी से करवा चौथ का व्रत रखने की परंपरा चली आ रही है।
करवा चौथ 2024 शुभ मुहूर्त
दिन का शुभ मुहूर्त:
ब्रह्म मुहूर्त: 04:44 ए.एम. से 05:35 ए.एम.
अभिजीत मुहूर्त: 11:43 ए.एम. से 12:28 पी.एम.
गोधूलि मुहूर्त: 05:46 पी.एम. से 06:11 पी.एम.
निशिता मुहूर्त: 11:41 पी.एम. से 12:31 ए.एम., 21 अक्टूबर
रात का शुभ चौघड़िया मुहूर्त:
शुभ-उत्तम मुहूर्त: 05:46 पी.एम. से 07:21 पी.एम.
अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: 07:21 पी.एम. से 08:56 पी.एम.
चर-सामान्य मुहूर्त: 08:56 पी.एम. से 10:31 पी.एम.
लाभ-उन्नति मुहूर्त: 01:41 ए.एम. से 03:16 ए.एम., 21 अक्टूबर
शुभ-उत्तम मुहूर्त: 04:51 ए.एम. से 06:26 ए.एम., 21 अक्टूबर
करवा चौथ पूजा-विधि
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लें
मंदिर और घर की साफ-सफाई करें
सभी देवी-देवताओं की विधि-विधान पूजा करें
करवा चौथ व्रत रखने का संकल्प लें
संध्या के समय शुभ मुहूर्त में करवा चौथ की व्रत कथा का पाठ करें
फिर चंद्रमा की पूजा करें
चंद्र दर्शन करने के बाद अर्घ्य दें
पति को छलनी से देखकर आरती उतारें
करवा चौथ व्रत पूजा सामग्री लिस्ट- Karwa Chauth 2024 Pujan Samagri List:
करवा चौथ व्रत की पूजा में कई चीजों लगती हैं, जो ज्यादातर आपकी किचन में मौजूद हैं. चंदन, शहद, अगरबत्ती, पुष्प, कच्चा दूध, शक्कर, शुद्ध घी, दही, मिठाई, गंगाजल, अक्षत (चावल), सिंदूर, मेहंदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन, दीपक, रुई, कपूर, गेहूं, शक्कर का बूरा, हल्दी, जल का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, चलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ आदि.
Disclaimer : इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य मार्गदर्शन के लिए है। करवा चौथ के शुभ मुहूर्त संबंधित धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित हैं। NSC 9 NEWS इस जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की कोई गारंटी नहीं देता है। कृपया अपने व्यक्तिगत निर्णयों के लिए विशेषज्ञ सलाह अवश्य लें। ध्यान दें कि हर व्यक्ति की मान्यताएं और परंपराएं भिन्न हो सकती हैं, इसलिए अपने परिवार और संस्कृति के अनुसार निर्णय लें।
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