मिसाइल मैन ऑफ इंडिया (Missile Man of India) कहे जाने वाले डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम (Dr. APJ Abdul Kalam) की आज, 15 अक्टूबर को बर्थ एनिवर्सरी है. डॉ एपीजे कलाम देश के 11वें राष्ट्रपति थे। 15 अक्टूबर 2010 को संयुक्त राष्ट्र ने हर वर्ष 15 अक्तूबर को डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के जन्मदिवस को वर्ल्ड स्टूडेंट्स डे के रूप में मानने की घोषणा की। बता दें कि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को प्यार से “पीपुल्स प्रेसिडेंट” के रूप में भी याद करते हैं।
कौन थे एपीजे अब्दुल कलाम?
एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम के धनुषकोडी गांव में हुआ था। उनका बचपन काफी संघर्षों से भरा था। कलाम साहब हमेशा सीखने और मेहनत करने पर जोर देते थे। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, इसलिए वे बचपन में अखबार बेचते थे। उनके पिता, जैनुलाब्दीन, ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे। कलाम साहब पांच भाई-बहन थे और उन्होंने अपने जीवन में कठिनाइयों का सामना करते हुए बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं।
Dr. APJ Abdul Kalam Education: किस काॅलेज से की पढ़ाई?
उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रामनाथपुरम से प्राप्त की और 1954 में सेंट जोसेफ कॉलेज, त्रिची से विज्ञान में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद, 1957 में उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। 1958 में, वह रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) में शामिल हुए।
एपीजे अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन क्यों कहा गया?
डॉ. कलाम को “मिसाइल मैन” इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने भारत की मिसाइल तकनीक को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उन्होंने देश के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान (SLV-3) के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके बाद, उन्होंने कई मिसाइल परियोजनाओं पर काम किया, जैसे अग्नि और पृथ्वी उनकी इस जबरदस्त मेहनत और योगदान की वजह से ही उन्हें प्यार से “मिसाइल मैन” कहा जाने लगा।
कलाम साहब का राजनीतिक सफर
2002 में, भारत की शासन पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने निवर्तमान राष्ट्रपति कोचेरिल रमन नारायणन के उत्तराधिकारी के रूप में एपीजे अब्दुल कलाम को आगे बढ़ाया। कलाम साहब का कद और उनकी लोकप्रियता इतनी थी कि, एक मुस्लिम होते हुए भी, हिंदू राष्ट्रवादी विचारधारा वाले एनडीए ने उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए नामित किया। यहां तक कि मुख्य विपक्षी पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भी उनके नाम का समर्थन किया। कलाम ने अपने प्रतिद्वंद्वी, पूर्व क्रांतिकारी नेता लक्ष्मी सहगल को हराकर आसानी से निर्वाचक मंडल का बहुमत वोट हासिल कर लिया। जुलाई 2002 में, उन्हें भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई गई। यह पद भले ही ज्यादातर औपचारिक हो, लेकिन उनके नेतृत्व ने देश पर गहरा प्रभाव छोड़ा। 2007 में, अपने कार्यकाल के अंत में, उन्होंने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया, और उनकी जगह प्रतिभा पाटिल ने ली, जो भारत की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं।
डॉ. कलाम द्वारा लिखी गई पुस्तकें
यहाँ डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की किताबें (Books of APJ Abdul Kalam in Hindi) और उनके प्रकाशन वर्ष की जानकारी दी जा रही है। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं:-
पुस्तक प्रकाशन वर्ष
विंग्स ऑफ फायर: एन ऑटोबायोग्राफी | वर्ष 1999 |
इगनाइटेड माइंड्स: अनलीजिंग द पॉवर विदिन इंडिया | वर्ष 2002 |
द ल्यूमिनस स्पार्क्स: ए बायोग्राफी इन वर्स एंड कलर्स | वर्ष 2004 |
मिशन ऑफ इंडिया: ए विजन ऑफ इंडियन यूथ | वर्ष 2005 |
द लाइफ ट्री, पोयम्स | वर्ष 2005 |
इनडोमिटेबल स्पिरिट | वर्ष 2006 |
हम होंगे कामयाब | वर्ष 2006 |
अदम्य साहस | वर्ष 2006 |
इन्स्पायरिंग थॉट्स: कोटेशन सीरिज | वर्ष 2007 |
यू आर बॉर्न टू ब्लॉसम (सहलेखन – अरुण तिवारी) | वर्ष 2008 |
एपीजे अब्दुल कलाम को मिले मुख्य पुरस्कार
एपीजे अब्दुल कलाम के 79वें जन्मदिन पर, संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को विश्व विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। यह उनके योगदान की महत्ता को दर्शाता है। कलाम साहब को भारत और दुनिया भर में कई सम्मान प्राप्त हुए हैं। भारत सरकार ने उन्हें 1997 में भारत रत्न, 1981 में पद्म भूषण, और 1990 में पद्म विभूषण जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा। ये पुरस्कार न केवल उनके वैज्ञानिक काम को मान्यता देते हैं, बल्कि उनके देश की सेवा के प्रति समर्पण को भी उजागर करते हैं। कलाम साहब की उपलब्धियों ने उन्हें एक प्रेरणास्त्रोत बना दिया है।
2014 | डॉक्टर ऑफ़ साइन्स एडिनबर्ग विश्वविद्यालय, ब्रिटेन |
1998 | वीर सावरकर पुरस्कार भारत सरकार |
1997 | भारत रत्न भारत सरकार |
1990 | पद्म विभूषण भारत सरकार |
1981 | पद्म भूषण भारत सरकार |
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का निधन
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, जिनका निधन 27 जुलाई 2015 को हुआ, भारतीय विज्ञान संस्थान (IIM) में एक कार्यक्रम के दौरान दिल का दौरा पड़ने से अचानक रूप से चले गए। उस दिन, वे शिलांग में छात्रों को संबोधित कर रहे थे जब अचानक उनकी तबियत बिगड़ गई। तुरंत उन्हें नॉर्थ ईस्ट इंफर्मेशन टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (NEIT) के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनकी मृत्यु का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया गया। डॉ. कलाम की प्रेरणादायक जीवन यात्रा, उनकी वैज्ञानिक उपलब्धियाँ, और उनके योगदान ने उन्हें एक राष्ट्रीय हीरो बना दिया।