कोटा: राजस्थान के कोटा संभाग में बड़ी संख्या में हिंदू बच्चे मदरसों में शिक्षा ले रहे हैं, जो राज्यभर में एक नया विवाद खड़ा कर रहा है। RTI के तहत प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान के चार जिलों—कोटा, बूंदी, झालावाड़ और बारां—में पढ़ने वाले हिंदू बच्चों की संख्या पूरे राज्य का 25 प्रतिशत है।
आरटीआई के तहत वकील सुजीत स्वामी ने राजस्थान मदरसा बोर्ड से 2022-23, 2023-24 और 2024-25 में गैर-मुस्लिम छात्रों की संख्या की जानकारी मांगी थी। आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 में कोटा जिले में 162 हिंदू लड़के और 183 लड़कियां मदरसों में पढ़ाई कर रही थीं। यह संख्या अगले साल बढ़कर 171 लड़कों और 267 लड़कियों तक पहुंच गई।
शिक्षकों की कमी पर सवाल
आंकड़ों में यह भी खुलासा हुआ है कि इन जिलों में गैर-मुस्लिम शिक्षकों की संख्या बेहद कम है। 2022-23 में कोटा जिले के मदरसों में केवल दो गैर-मुस्लिम शिक्षक थे, जबकि बूंदी और बारां में कोई नहीं था। 2024-25 में भी यही स्थिति बनी हुई है।
बजरंग दल का विरोध
इस मामले पर बजरंग दल ने सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त की है। संगठन ने इसे धर्मांतरण की साजिश करार दिया है। प्रांत संयोजक योगेश रेनवाल का कहना है कि मदरसों में हिंदू बच्चों को इस्लामिक शिक्षा दी जा रही है, जिसमें नमाज पढ़ना और हिजाब पहनना सिखाया जा रहा है।
वकील सुजीत स्वामी ने चिंता जताई कि हिंदू बच्चों को इस्लाम की शिक्षा देकर उनका ब्रेन वाश करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने राजस्थान के सभी मदरसों का भौगोलिक सत्यापन कराने की आवश्यकता बताई है।
यह मामला कोटा संभाग में शिक्षा के एक नए आयाम को दर्शाता है, जिससे राज्य की सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना पर असर पड़ सकता है। सरकार से इस मामले की व्यापक जांच की मांग उठाई जा रही है।