जयपुर: राजस्थान सब-इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती मामले में विशेष कार्यबल (एसओजी) ने 20 आरोपियों के खिलाफ 50,000 पन्नों की एक चार्जशीट कोर्ट में पेश की है। इस चार्जशीट में राजस्थान लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य बाबूलाल कटारा, रामूराम राइका और उनके परिजनों का नाम शामिल है।
पेपर लीक का मामला
एसओजी के एडीजी वीके सिंह के अनुसार, यह चार्जशीट एसआई भर्ती परीक्षा-2021 के पेपर लीक मामले से संबंधित है, जिसमें बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का खुलासा हुआ था। अप्रैल में एसओजी ने इस मामले का खुलासा करते हुए 50 से अधिक ट्रेनी एसआई को गिरफ्तार किया, जो पेपर लीक और डमी अभ्यर्थियों का इस्तेमाल करके परीक्षा पास करने के आरोप में थे। अब तक 80 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी है।
जांच और समिति का गठन
सरकार ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक छह सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो यह तय करेगी कि एसआई परीक्षा को रद्द किया जाए या नहीं। 2021 में आयोजित इस परीक्षा के परिणाम के बाद चयनित एसआई अभी विभिन्न प्रशिक्षण केंद्रों में ट्रेनिंग ले रहे थे। लेकिन पेपर लीक के खुलासे के बाद स्थिति अनिश्चित हो गई है।
संदिग्धों की संख्या बढ़ी
चार्जशीट में राइका के बेटे देवेश और बेटी शोभा का नाम भी शामिल है, जिन्होंने कथित तौर पर परीक्षा उत्तीर्ण की और बाद में राजस्थान पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण लिया। अब तक 50 अंडर-ट्रेनिंग एसआई को गिरफ्तार किया गया है, और कई संदिग्ध अभी भी जांच के दायरे में हैं।
निष्कर्ष
इस मामले ने राजस्थान में भर्ती प्रक्रियाओं की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। अब देखना होगा कि सरकार और जांच एजेंसियां इस मामले को किस दिशा में ले जाती हैं और क्या भर्ती प्रक्रिया को लेकर कोई ठोस निर्णय लिया जाता है। पुलिस भर्ती के इस घोटाले ने न केवल उन युवाओं की उम्मीदों को धूमिल किया है, जो इस परीक्षा में शामिल हुए थे, बल्कि राजस्थान पुलिस की छवि पर भी सवाल खड़ा कर दिया है।