Monday, December 23, 2024

माधव कृषि महाविद्यालय में सत्र 2024-25 की प्रयोगात्मक परीक्षाओं का शुभारंभ

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भीलवाड़ा, 11 नवंबर 2024 माधव कृषि महाविद्यालय में सत्र 2024-25 की प्रयोगात्मक परीक्षाओं का शुभारंभ आज से हुआ। इन परीक्षाओं में सभी कृषि छात्र-छात्राओं ने अपने प्रयोगात्मक ज्ञान का प्रदर्शन किया, जहां उन्हें निर्धारित शेड्यूल के अनुसार फार्म पर लाइव डेमोंस्ट्रेशन और तकनीकी कौशल दिखाने का अवसर मिला। यह परीक्षाएं इस सेमेस्टर में पढ़ाए गए पाठ्यक्रम के आधार पर आयोजित की गईं, जिसमें छात्रों ने कृषि क्षेत्र में सीखी गई तकनीकों और रिसर्च का बेहतरीन उपयोग दिखाया।

इस मौके पर विश्वविद्यालय के चेयरमैन प्रोफेसर डॉ. राजकुमार राणा ने कहा कि “हमारा मुख्य उद्देश्य छात्रों को गुणवत्ता युक्त उच्च शिक्षा प्रदान करना है, जिसमें अनुसंधान और तकनीकी विकास का विशेष स्थान हो। हमारी यही उम्मीद है कि हमारे विद्यार्थी शिक्षा के हर पहलू में श्रेष्ठता हासिल कर विश्वविद्यालय और अपने परिवार का नाम रोशन करें।

माधव विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. भावेश कुमावत ने बताया कि विश्वविद्यालय में सभी परीक्षाएं यूजीसी के मानकों के अनुसार समय पर आयोजित की जाती हैं। उन्होंने कहा कि “हम अपने छात्रों के उज्ज्वल भविष्य को ध्यान में रखते हुए निर्धारित शेड्यूल के अनुसार उच्च शिक्षा और परीक्षा प्रणाली का पालन करते हैं।

कृषि महाविद्यालय के डीन प्रो (डॉ.) वी.आर. पटेल ने इस अवसर पर कहा, “हमने पूरे सेमेस्टर में पाठ्यक्रम को पूरा करते हुए छात्रों की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया है। छात्रों की परफॉर्मेंस से हमें बेहद गर्व हो रहा है।

इस दौरान प्रोफेसर डॉ. गीतम सिंह ने भी कहा कि “सभी विद्यार्थी थ्योरी, प्रैक्टिकल, वायवा और स्पॉटिंग के माध्यम से अपनी उच्चतम परफॉर्मेंस दिखा रहे हैं। उनका प्रयास और तकनीकी ज्ञान सराहनीय है।

इस कार्यक्रम में डॉ. लक्ष्मीकांत शर्मा, डॉ. आलोक कुमार, डॉ. प्रकाश, डॉ. उमंग पटेल, डॉ. सीताराम सीरवी, डॉ. राजेश पांचाल, डॉ. आनंद वाघेला, डॉ. शिखर देसाई, डॉ. विशाल कुमार चौधरी, डॉ. चिराग सोलंकी, डॉ. रूशिता कोटडिया, डॉ. कृष्णाबेन काछियापटेल, अभिलाषा, कैलाश परिहार, सुरेश चौधरी, शाहरुख, शिवदास जी, शंकर, सोनाराम जी सहित अन्य गणमान्य शिक्षक उपस्थित रहे।

इस सफल आयोजन ने विश्वविद्यालय के शिक्षण और प्रशिक्षण के प्रति समर्पण को उजागर किया है, जिससे छात्रों में सीखने और व्यावहारिक ज्ञान को अपनाने की ललक और बढ़ी है।

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