उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि फेल होने का डर विद्यार्थी की ताकत को कम करता है, इसलिए असफलता का भय नहीं रखें। उन्होने कहा कि जिस भी क्षेत्र में विद्यार्थी अभिरुचि रखते हैं, उसमें कड़ी मेहनत करें व आगे बढ़े। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ झुंझुनूं के दोरासर स्थित सैनिक स्कूल में विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि वह सैनिक स्कूल के विद्यार्थियों को राज्यसभा की कार्यवाही को देखने के लिए बुलाएंगे। उपराष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से कहा कि आप देश का भविष्य हैं। सैनिक स्कूल में जो भी विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करता है, वह किसी भी क्षेत्र में जाए, अच्छा कार्य करता है। उन्होने कहा कि आज यहां आकर उन्हें बतौर विद्यार्थी सैनिक स्कूल में बिताया वक्त याद आ गया। सैनिक स्कूल आगमन पर उपराष्ट्रपति धनखड़ का प्रिंसिपल कर्नल अनुराग महाजन ने स्वागत किया।
हर 6 महीने में स्कूल की प्रगति को मिलेगा नया आयाम
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि सैनिक स्कूल की प्रगति को हर 6 महीने में नया आयाम मिलेगा, इस हेतु हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि झुंझुनूं जिले ने सैन्य बलों को बड़ा योगदान दिया है। उन्होने विद्यार्थियों से चंद्रयान अभियान की सफलता और देश की वैश्विक स्तर पर प्रगति का भी जिक्र किया। उपराष्ट्रपति ने संबोधन के पश्चात स्कूल व्यायामशाला, खरीददारी केंद्र, आगंतुक अतिथि गृह, बालिका छात्रावास, एकीकृत खेल प्रांगण, बहुउद्देश्यीय हॉल आदि के भवन का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने इस दौरान पौधारोपण भी किया।
लोहार्गल स्थित सूर्य मंदिर और रानी शक्ति मंदिर में की पूजा-अर्चना
उपराष्ट्रपति ने लोहार्गल में सूर्य मंदिर एवं झुंझुनूं में रानी शक्ति मंदिर में धर्मपत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ के साथ पूजा अर्चना की। उन्होने विश्व शांति और देश की प्रगति की मंगलकामना की।