भाजपा में इन दिनों युवाओं को प्रतिनिधित्व देने की चर्चा जोरों पर है। ऐसे में कई सांसद और विधायक जो कि 2 बार या इससे अधिक बार चुनाव जीत चुके हैं। उनकी जगह नए लोगों को प्रतिनिधित्व देने की चर्चा गंभीरता से की जा रही है। भाजपा इन सभी वरिष्ठ नेताओं को संगठन में जिम्मेदारी देने का मानस बना रहा है। इसके अलावा कुछ को राज्यपाल बनाए जाने की संभावना भी जताई जा रही है।कई सांसदों की विपरीत छवि के कारण पार्टी को 2024 के लोकसभा के चुनाव में नुकसान हो सकता है इसी बात को ध्यान में रखकर उन्हें चुनाव नहीं लड़ाई जाने का फैसला हो सकता है !
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह,राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महामंत्री बीएल संतोषने यह मानस बना लिया है कि वर्ष 2023 के विधानसभा और वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में नए लोगों को उतारा जाता है तो कई दिग्गजों के सामने टिकट पाने की समस्या पैदा हो जाएगी । यह भी कहा जा रहा है कि राजस्थान, मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ सहित कई प्रदेशों में अधिकांश सांसदों के टिकट काटे जा सकते हैं और कुछ विधानसभा में यही नीति अपनाई गई तो बहुत सारे ऐसे नेता भी चुनाव मैदान से बाहर हो जाएंगे जो कि कई सपने देख रहे हैं।
मौजूदा लोकसभा में दो सांसदों की उम्र 80 से 90 के बीच है। वही 110 सांसद ऐसे हैं जिनकी उम्र 60 से 70 के बीच है और 13 सांसद ऐसे हैं जिनकी उम्र 30 से 40 के बीच है। भाजपा के 135 लोकसभा के सदस्य पहली बार और 97 लोकसभा के सदस्य दूसरी बार जीते हैं।कुछ सांसद तो ऐसे हैं जो कि 8 बार चुनाव जीते हैं इसमें मेनका गांधी, संतोष गंगवार और डॉ वीरेंद्र कुमार 7 बार चुनाव जीते हैं।
6 बारचुनाव जीतने वालों में पंकज चौधरी, अनंत हेगड़े, रमेश जिगाजिनगी, फग्गन कुलस्ते, वीएस प्रसाद, बृजभूषण शरण सिंह, राधामोहन सिंह, मनसुख वासवा शामिल है। 5 बार चुनाव जीतने वालों मेंजीएस बासवराज, निहालचंद चौहान, रावसाहेब दानवे, जय प्रकाश, एसवाई नायक, जुअल ओराम, प्रह्लाद पटेल, राव इंद्रजीत सिंह, साक्षी महाराज, भानुप्रताप वर्मा, राम कृपाल यादव शामिल है।
4 बार चुनाव जीतने वालों में जीतने वालों मेंरमा देवी, संजय धोत्रे, पीसी गौडर, एसपीएस बघेल, डीवीएस गौड़ा, प्रह्लाद जोशी, छेदी पासवान, आरपी रूडी, अरविंद शर्मा, जीएम सिद्देश्वरा, दुष्यंत सिंह, गणेश सिंह, केवी सिंह, राकेश सिंह, सुशील सिंह, वीरेंद्र सिंह, संगीता सिंहदेव, अनुराग ठाकुर, राजेश वर्मा शामिल है।
तीन बार चुनाव जीतने वालों में राजेंद्र अग्रवाल, सुभाष बहेरिया, सुदर्शन भगत, सीएस दरबार, निशिकांत दुबे, वरुण गांधी, संजय जयसवाल, दर्शना जरदोश, एनवी खाचडिया, नलिन कतील, रामशंकर कठेरिया, अर्जुन मेघवाल, पीसी मोहन, जगदंबिका पाल, कमलेश पासवान, डीएम पटेल, एलबी पटेल, सीआर पाटिल, बीवाई राघवेंद्र, अशोक रावत, किरेन रिजीजू, एमआरएल शाह, पशुपति सिंह, यूपी सिंह, किरीट सोलंकी, नरेंद्र सिंह तोमर, एससी उदासी शामिल है। वरिष्ठ सांसदों को संगठन या राजकीय पदों पर जिसमें राज्यपाल और आयोगों के अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा भी है।