राजस्थान पुलिस अकादमी में पुलिस प्रशिक्षण को बेहतर बनाने के लिए आयोजित की जा रही तीन दिवसीय विचार गोष्ठी के दूसरे दिन विभिन्न राज्यों तथा केन्द्रीय पुलिस संगठनों के प्रशिक्षण संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने अपने प्रशिक्षण संस्थानों की सर्वश्रेष्ट प्रशिक्षण पद्धतियों तथा प्रशिक्षण प्रणालियों के साथ साथ विषय विशेष पर प्रस्तुतीकरण किये।
प्रथम सत्र मे निदेशक बिहार पुलिस अकादमी भृगु श्रीनिवास, अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, एसडीआरएफ आलोक वशिष्ठ, पर्यावरणविद् एवं प्रोफेसर प्रेरणा पुरी अनुसूया नाग के मुख्य आतिथ्य में प्रस्तुतीकरण किए गए।
राष्ट्रीय पुलिस अकादमी की उप निदेशक डॉ रोहिणी कटोच ने पुलिस कर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए पुलिसिंग की महत्ता, महाराष्ट्र पुलिस अकादमी के सहायक निदेशक श्री प्रदीप वसन्त राव जाधव ने ई-लर्निंग, एनडीआरएफ के सैकण्ड इन कमाण्ड कमल मेहरा ने भारत में आपदा प्रबंधन में आदर्श बदलाव और एनडीआरएफ की भूमिका, बिहार पुलिस अकादमी के निदेशक भृगु श्रीनिवास ने महिला पुलिस अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया।
द्वितीय सत्र में भूतपूर्व पुलिस महानिदेशक बीएसएफ एमएल कुमावत, अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस आसूचना एस गाथिर, महानिरीक्षक सीआरपीएफ़ विक्रम सहगल एवं संयुक्त निदेशक, एसआईबी रमाकान्त गुप्ता के मुख्य आतिथ्य में प्रस्तुतीकरण किए गए।
सीमा सुरक्षा बल अकादमी टेकनपुर के उपपहानिरीक्षक नारायण चन्द्र नेसीमा प्रबंधन और ड्रोन रोधी प्रौद्योगिकी में पहल, केन्द्रीय औधोगिक सुरक्षा बल के सीनीयर कमाण्डेंट विनोद कुमार चौरसिया ने महत्वपूर्ण स्थापना सुरक्ष, तेलंगाना से बी रोहित राजू एवं रश्मि पेरुमल ने उग्रवाद और जंगल उत्थान, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के उपमहानिरीक्षक सुधांशु सिंह ने वामपंथी उग्रवाद विषय पर अपना प्रस्तुतीकरण दिया।