दिव्य गौड़।
हाल ही में भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सबसे करीबी नेताओं में माने जाने वाले कैलाश मेघवाल को भाजपा से निलंबित कर दिया गया है। इसके बाद भीलवाड़ा जिले की शाहपुरा विधानसभा सीट पर भाजपा के लिए नए उम्मीदवार की तलाश तेज हो गई है। हालांकि भाजपा पहले से ही इस सीट पर कैलाश मेघवाल की ज्यादा उम्र होने के चलते नए उम्मीदवार की तलाश में प्रयासरत थी।सियासत के जानकार इस बात को मानते हैं कि शायद कैलाश मेघवाल को इस बात भनक थी की भाजपा उनकी ज्यादा उम्र होने के कारण नए चेहरे को शाहपुरा से चुनावी मैदान में उतार सकती हैं। इस लिहाज से उनके पार्टी विरोधी बयानों की टाइमिंग को लेकर भी सवाल खड़े हुए है।
लेकिन अब कैलाश मेघवाल के पार्टी से निलंबित होने के बाद नया उम्मीदवार आना तय है। ऐसे में तीन-चार नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है। स्थानीय मीडिया रिपोट्स सबसे पहला नाम अविनाश जीनगर का माना जा रहा है। जो पिछले 2013 और 2018 चुनाव में भाजपा से टिकट की मांग करते आ रहे हैं। पार्टी के सामने अपना टिकट पर दवा पेश करने के पीछे इनकी ताकत युवा है,ये विधानसभा क्षेत्र में लोकल की पहचान रखते हैं । लंबे समय से क्षेत्र में लगातार सक्रियता रखने के साथ साथ संरपच संघ के जिलाध्यक्ष भी रहे हैं। बीजेपी पार्टी में युवा मोर्चा और मुख्य पार्टी संगठन में पदाधिकारी है। सांसद और संघ लॉबी की पसंद भी माने जाते हैं.
इनके सामने सबसे बड़ी दिक़्क़त और कमजोरी ये हैं कि इनका सामना कैलाश मेघवाल गुट से भी होगा और चुनाव में कैलाश मेघवाल गुट के नेताओं की नाराजगी उठानी पड़ सकती हैं।
आपको बता दे कि बीते 5 जुलाई को क्षेत्र के एक कार्यक्रम में मेघवाल स्थानीय जनप्रतिनिधि को प्रत्याशी बनाने की मांग करने वालों पर चुटकी ली थी
वही रोशन मेघवंशी का नाम भी चर्चा में है इनकी ताकत है संगठन में पदाधिकारी होना और जिले की राजनीति में लंबे समय से जुड़े रहना।वही इनकी कमजोरी की बात करे तो अभी थोडे़ समय से ही क्षेत्र में बैनर पोस्टर के जरिये सक्रियता बनाई हैं। वही लोगो के बीच धरातल पर जुड़ाव कम माना जाता है।
अगला नाम है लाला राम बैरवा का इनका बड़े नेताओं से अच्छा तालमेल बताया जाता है। वही शाहपुरा विधानसभा क्षेत्र में बाहरी होने का टैग और सक्रियता की कमी इनका एक बहुत बड़ा ड्रॉबैक माना जा सकता हैं।और बाक़ी रही क्षेत्र में पकड़ की तो अभी तक आंशिक जनसम्पर्क मौटे तौर पर बैनर पोस्टरों तक ही सीमित रहा हैं।
राधेश्याम जीनगर लंबे समय से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं।कैलाश मेघवाल के विरोधी खेमे का पूरा साथ मिल रहा हैं साथ ही संगठन के पुराने नेता होने का फायदा मिल सकता है। इनकी कमजोरी की बार करते हुए बताते हैं कि इनके साथ लगे लंबे समय से टिकट नहीं मिलने से कार्यकर्ताओं में निराशा का भाव खुले तौर पर दिखाई देता हैं।
बहरहाल चुनाव अब नज़दीक हैं और टिकट चाहने वाली की फ़ेहरिस्त लंबी हैं। विधानसभा में राजनीति करने वाले हर दूसरे व्यक्ति के मन में। भाव तो विधानसभा में पहुँचने के होते हैं लेकिन टिकट मांगने वालों की लंबी कतार एक बड़ी चुनौती भी हैं।
इन चार चेहरों के अलावा और भी कई नाम टिकट की दौड़ में शामिल हैं। अब यह देखने वाली बात होगी कि भीलवाड़ा कि हॉट सीट शाहपुरा पर भाजपा किस चेहरे पर दांव खेलती है। बरसों पुरानी सीट पर पार्टी किस नये चेहरे को इस अभेद क़िले को तोड़ने का मौक़ा देती हैं और चुनाव में जनता जनार्दन की कृपा से विधानसभा की दहलीज़ को कौन छू पाता हैं। ये आने वाले विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद साफ़ हो जाएगा।