दिव्य गौड़ जयपुर।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जयपुर के पास दादिया में हुई सभा के अंतिम दो लाइनो ने बीजेपी के छोटे से लेकर बड़े स्तर के नेताओ को साफ़ संदेश दे दिया गया कि इस बार बीजेपी पार्टी विधानसभा कमल के निशान के तले ही चुनाव लड़ेगी। पार्टी के किसी भी छोटे से लेकर बड़े बड़े नेताओं को किसी भी तरह की कोई गलतफहमी नही होनी चाहिए। पार्टी ने लिए व्यक्ति नही संगठन बड़ा होता हैं ओर संगठन में काम करके ही पार्टी व्यक्ति को बड़ा बनाती हैं।
प्रधानमंत्री के भाषण को ठीक तरह से सुने जाने के बाद उसे समझा जाए तो उनका इशारा साफ साफ समझ के आता हैं कि इस बार राजस्थान विधानसभा चुनावों में किसी व्यक्ति विशेष के बजाय कमल bke निशान को ही प्राथमिकता दी जाएगी और जो इस कमल के निशान के तले चलेगा वो ही खिलेगा।आपसी गुटबाजियो और परस्पर लड़ाई लड़ने से कुछ हासिल नहीं होगा।
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन को लेकर निकाली गई परिवर्तन संकल्प यात्राओं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महासभा के बाद राजस्थान बीजेपी में अब टिकटों को लेकर मंथन शुरू हो गया है। इधर बीजेपी में 70 पार को टिकट देने के फार्मूले में भी बदलाव किया जा सकता है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ होने वाली बैठक में इस पर निर्णय होने की संभावना है।
राजस्थान में चल रहे सत्ता के महासंग्राम में कांग्रेस और भाजपा अपनी अपनी रणनीतिक बिसात बिछा रही है। राजस्थान भाजपा में अब 70 की उम्र पर को टिकट नहीं दिए जाने वाले फार्मूले में शिथिलता दी जा सकती है। पहले बताया जा रहा था कि पार्टी 70 साल से अधिक उम्र के नेताओं को टिकट नहीं देगी , लेकिन पिछले दिनो दिल्ली में हुई बैठक में इस फार्मूले में कुछ बदलाव हुआ है। बताया जा रहा है कि अब 70 की जगह 75 साल का एक क्राइटेरिया तय किया जा सकता है, क्योंकि बीजेपी की इंटरनल सर्वे के अनुसार करीब आधा दर्जन सीटें ऐसी है जहां पर वही उम्मीदवार चुनाव जीत सकते हैं जो वरिष्ठ हैं और जिनकी उम्र 70 साल पार हो चुकी है। ऐसे में पार्टी 70 साल का फार्मूला लागू करके रिस्क लेने के मूड में नहीं है। बीजेपी में 70 साल उम्र पार कर चुके नेताओं में पूर्व स्पीकर कैलाश मेघवाल, जिन्हें पार्टी ने हाल ही में निलंबित किया है। दूसरे नम्बर पर सूर्याकांत व्यास जो 84 साल से अधिक की हो चुकी है, पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी जो 73 साल से अधिक उम्र के हो चुके हैं, पब्बाराम विश्नोई , नरपत सिंह राजवी, कालीचरण सराफ, मोहनराम चौधरी 70 साल से अधिक उम्र के है जबकि वसुंधरा राजे भी इसी साल 70 साल की हो चुकी है इसके अलावा और भी नेता है जो इसी साल 70 साल की उम्र पार कर चुके हैं।
कभी भी जारी हो सकती है पहली लिस्ट
प्रदेश में सत्ता वापसी को लेकर आतुर भाजपा जल्द ही अपनी पहली उम्मीदवारों सूची जारी कर सकती है। परिवर्तन संकल्प यात्रा और पीएम मोदी की महासभा के बीच रुकी पड़ी पहली सूची अब किसी भी वक्त जारी हो सकती है। कहा जा रहा है कि इसी सप्ताह के अंतिम या अक्टूबर के पहले सप्ताह में बीजेपी प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की जा सकती है।
पहली सूची में ए और डी श्रेणी
बीजेपी पहली सूची में ए और डी श्रेणी की सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित करने की तैयारी में है। ए कैटेगिरी में उन विधानसभा सीटों को शामिल किया है जहां बीजेपी लगातार तीन बार से जीतती आ रही है और पार्टी मजबूत स्थिति में है, जिसमे बीकानेर पूर्व, रतनगढ़, फुलेरा, विद्याधर नगर, मालवीय नगर, अलवर शहर, अजमेर उत्तर, अजमेर दक्षिण(एससी), ब्यावर, नागौर, सोजत, पाली, बाली, सूरसागर, सिवाना, भीनमाल, रेवदर (एससी) उदयपुर, राजसमंद, आसींद, भीलवाड़ा, बूंदी, कोटा दक्षिण, लाडपुरा, रामगंज मंडी, झालरापाटन और खानपुर विधानसभा सीटों के नाम शामिल है।
इसके साथ पार्टी डी कैटेगिरी की सीटों पर प्रत्याशियों के नाम घोषित करने की तैयारी में हैं, जहां लगातार तीन बार से हार का सामना करना पड़ रहा है, जिसमे सरदारपुरा, लक्ष्मणगढ़, सपोटरा, दांतारामगढ़, कोटपुतली, झुंझुनूं, सांचौर, बाड़मेर शहर, फतेहपुर, खेतड़ी, नवलगढ़, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़, लालसोट, सिकराय,टोडाभीम, बाड़ी, वल्लभनगर, बागीदोरा, और बस्सी विधानसभा में उम्मीदवारों के नाम घोषित कर सकती है। बीजेपी के लिए राजस्थान चुनाव के लिहाज खासा महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां पर अभी मौजूदा कांग्रेस की सरकार है, लेकिन भाजपा को 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां से 24 पार्टी और एक गठबंधन के साथ 25 सांसद मिले थे। बीजेपी की कोशिश होगी कि इस बार यहां पर सरकार भाजपा की बनाकर, लोकसभा में 25 का जादुई आंकड़ा बरकार रखा जाए।
अमित शाह देंगे जीत का मंत्र देकर कई अटकलों पर लगा जाएँगे विराम
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जयपुर दौरे पर है। उनके साथ बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्ढा भी संगठन की और माहौल भापनें जयपुर आये हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्ढा और अमित शाह बीजेपी के प्रदेश नेताओं के साथ चुनावी मंत्रणा करेंगे। दिन भर चलने वाली बैठकों में चुनाव में उतरने वाले प्रत्याशियों के नाम पर मंथन किया जाएगा। अमित शाह प्रदेश प्रभारी के साथ ही प्रदेश भाजपा की बड़े नेताओं के साथ चर्चा भी करेंगे,क़यास लगाए जा रहे हैं अमित शाह और जेपी नड्ढा के जयपुर दौरे के बाद कई बड़े राजनीतिक बदलाव संभव हो सकते हैं और बीजेपी के चुनावी समर के कई तरह की राजनीतिक अटकलों और काना-फ़ूसी पर विराम लग सकता हैं।