Friday, December 27, 2024

राज्य मंत्रिमंडल की बैठक- प्लेसमेंट एजेन्सियों से संविदा कार्मिक लेने की प्रथा होगी समाप्त, राजस्थान लॉजिस्टिकल सर्विस डिलिवरी कॉर्पोरेशन का होगा गठन, कार्य प्रभारित कार्मिकों को मिलेंगे पदोन्नति के अवसर, सेवा नियमों में संशोधन, सोलर प्रोजेक्ट के लिए भूमि आवंटन, बढ़ेगा प्रदेश में विद्युत उत्पादन, 80 से अधिक संस्थाओं को सामाजिक, शैक्षणिक विकास के लिए भूमि आवंटन, धरियावद घटना की पीड़िता को मिलेगी सरकारी नौकरी

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जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर राज्य मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित हुई। बैठक में संविदा कार्मिकों के हितों की रक्षा के लिए राजस्थान लॉजिस्टिकल सर्विस डिलिवरी कॉर्पोरेशन का गठन करने, कार्यप्रभारित कार्मिकों के लिए पदोन्नति के अवसर बढ़ाने और राजस्थान वक्फ नियम-2023 के प्रारूप का अनुमोदन करने, 80 से अधिक सामाजिक संस्थाओं को भू-आवंटन और धरियावद घटना की पीड़िता को सरकारी नौकरी देने सहित कई महत्वपूर्ण निर्णयों का अनुमोदन किया गया।   

संविदा कार्मिकों को बिना कटौती मिलेगा पारिश्रमिक

राजस्थान में अब प्लेसमेंट एजेंसियों के जरिए राजकीय विभागों में संविदा पर कार्मिक लगाने की प्रथा बंद हो जाएगी। अब राज्य सरकार द्वारा सरकारी कम्पनी के रूप में राजस्थान लॉजिस्टिकल सर्विस डिलिवरी कॉर्पोरेशन (RLSDC) का गठन करने का मंत्रिमंडल में बड़ा निर्णय लिया गया है। 

मंत्रिमंडल बैठक में लिए इस निर्णय से विभिन्न राजकीय विभागों, संस्थानों में कुशल-अकुशल अभ्यर्थियों का पंजीकरण/चयन पारदर्शी तरीके से किया जा सकेगा। संविदा कार्मिकों को शोषण से मुक्त करते हुए उचित पारिश्रमिक उपलब्ध करवाया जाएगा। विभिन्न विभागों में प्रशिक्षित कार्मिक उपलब्ध होंगे। राज्य को कार्मिकों के कौशल का लाभ मिलेगा।

इसमें एक जनवरी 2021 से पूर्व के कार्यरत ठेका कर्मियों को नवगठित सरकारी कम्पनी के माध्यम से आवश्यकतानुसार सीधे ही लिया जाएगा, जिससे उन्हें बिना किसी कटौती के पूर्ण पारिश्रामिक मिलेगा। अभी तक एजेंसियों द्वारा विभिन्न कटौतियां कर कार्मिकों का शोषण किया जा रहा था।  

आरएलएसडीसी को कम्पनी अधिनियम-2013 के अंतर्गत पंजीकृत किया जाएगा। यह राज्य सरकार के पूर्ण स्वामित्व की कम्पनी होगी। इसमें प्रशासनिक सुधार विभाग के प्रमुख शासन सचिव अध्यक्ष होंगे। साथ ही, कार्मिक विभाग के प्रमुख शासन सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग व श्रम विभाग के प्रमुख शासन सचिव/शासन सचिव, वित्त व्यय विभाग के शासन सचिव, राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के निदेशक और राज्य सरकार द्वारा नामित व्यक्ति सदस्य के रूप में कार्य करेंगे। 

राजस्थान वक्फ नियमों के प्रारूप का अनुमोदन 

बैठक में मंत्रिमंडल ने केन्द्रीय वक्फ अधिनियम-1995 की धारा 109 के तहत राजस्थान वक्फ नियम-2023 सम्बंधित प्रस्ताव और अधिसूचना के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। इन नियमों के लागू होने से वक्फ कार्य अधिक सुगमता, स्पष्टता एवं पारदर्शिता से संपादित किए जा सकेंगे। उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय वक्फ अधिनियम-1995 की धारा 109 के तहत वक्फ कार्यों के संचालन के नियम बनाने की शक्ति राज्य सरकार में निहित है। 

कार्यप्रभारित कार्मिकों को मिलेंगे पदोन्नति के अवसर

बैठक में राजस्थान वन अधीनस्थ सेवा (संशोधन) नियम-2023, राजस्थान अधीनस्थ अभियांत्रिकी (भवन व पथ शाखा) सेवा नियम-1973, राजस्थान अभियांत्रिकी अधीनस्थ सेवा (सिंचाई शाखा) (संशोधित) नियम-2023 तथा राजस्थान अभियांत्रिकी अधीनस्थ सेवा (जनस्वास्थ्य शाखा) (संशोधित) नियम-2023 को मंजूरी दी गई। 

इस निर्णय से इन विभागों के कार्यप्रभारित कार्मिकों को विभागीय सेवा नियमों की परिधि में लाते हुए पदोन्नति के अवसर उपलब्ध कराए जा सकेंगे। उल्लेखनीय है कि पूर्व में कार्य प्रभारित कार्मिक जिस पद पर नियुक्त होते थे, उसी पद से सेवानिवृत्त हो रहे थे।

राजस्थान अभियोजन अधीनस्थ सेवा (संशोधन) नियम-2023 का अनुमोदन

बैठक में राजस्थान अभियोजन अधीनस्थ सेवा (संशोधन) नियम-2023 का भी अनुमोदन किया गया। इस निर्णय से अभियोजन अधीनस्थ सेवा में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा में छूट का लाभ मिल सकेगा। साथ ही, मुख्य परीक्षा में न्यूनतम अंकों के प्रावधान में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए 5 प्रतिशत की छूट दी गई है। 

बैठक में राजस्थान तकनीकी प्रशिक्षण अधीनस्थ सेवा नियम, 1975 में संशोधन को भी मंजूरी दी गई। इस निर्णय से अभियान्त्रिकी की नवीन शाखाओं के योग्यताधारी अभ्यर्थी, जिनका उपाचार्य या अधीक्षक के पद पर सीधी भर्ती से चयन हुआ है और विभाग में कार्यरत हैं, उनकी उच्चतर पदों पर पदोन्नति हो सकेगी।

राजस्थान शिक्षा (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा (संशोधित) नियम-2023 का अनुमोदन 

बैठक में राजस्थान शिक्षा (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा (संशोधित) नियम-2023 का अनुमोदन किया गया। इस निर्णय से राजस्थान में वर्तमान शैक्षिक परिदृश्य में उन्नयन होगा। पदों को भरे जाने की प्रक्रिया में सुगमता आएगी। पदोन्नति की कठिनाइयां समाप्त हांेगी और अधिक अवसर उपलब्ध होंगे। साथ ही, सीधी भर्ती के लिए वर्तमान आवश्यकताओं के अनुसार नवीन योग्यताओं का समावेश किया जा सकेगा।  

राजस्थान अक्षय ऊर्जा नीति-2023 का अनुमोदन

मंत्रिमंडल ने अक्षय ऊर्जा प्रोत्साहन के लिए राजस्थान अक्षय ऊर्जा नीति-2023 का अनुमोदन किया है। इससे प्रदेश में अक्षय ऊर्जा आधारित परियोजनाओं से वर्ष 2030 तक 90 गीगावाट क्षमता की परियोजनाएं स्थापित होंगी। इनसे सम्बंधित इकाइयों से राज्य में निवेश एवं रोजगार के लिए भी सम्भावनाएं बढ़ेंगी। उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा वर्ष 2019 में राजस्थान सौर ऊर्जा नीति 2019 तथा राजस्थान पवन एवं हाइब्रिड ऊर्जा नीति-2019 जारी की गई थी, जिससे अभी तक 23 हजार मेगावाट से अधिक क्षमता के अक्षय ऊर्जा संयंत्र स्थापित हुए हैं। राजस्थान अक्षय ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा क्षमता स्थापना में देश में प्रथम स्थान पर है।

80 से अधिक संस्थाओं को भूमि आवंटन

मंत्रिमंडल ने प्रदेश में शैक्षणिक, सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान के लिए 80से अधिक सामाजिक संस्थाओं को सामुदायिक प्रयोजनार्थ रियायती दरों पर भूमि आवंटन करने का बड़ा निर्णय लिया है। इनमें जयपुर, जोधपुर विकास प्राधिकरण, राजस्थान आवासन मण्डल, नगर विकास न्यास भरतपुर, भीलवाड़ा, बाड़मेर, बीकानेर, कोटा, सवाई माधोपुर, उदयपुर को प्राप्त हुए आवेदनों को स्वीकृति मिली है। 

सोलर प्रोजेक्ट के लिए जोधपुर-बीकानेर में भूमि आवंटन

जोधपुर की तहसील बाप के ग्राम भड़ला में 910.5412 हैक्टेयर भूमि मैसर्स एनटीपीसी रिन्यूबल एनर्जी लिमिटेड को सशर्त कीमतन आवंटित की जाएगी। यहां पर 500 मेगावाट सोलर प्रोजेक्ट स्थापित किया जाएगा। साथ ही, बीकानेर में गांव कालासर एवं जोगनाथ नगर में 370 मेगावाट सोलर प्रोजेक्ट की स्थापना के लिए भी मैसर्स एनटीपीसी रिन्यूबल एनर्जी लिमिटेड को 596.04 हैक्टेयर भूमि सशर्त कीमतन आवंटित होगी। मंत्रिमंडल ने दोनों प्रस्तावों का अनुमोदन किया है। इनसे राज्य में सौर ऊर्जा उत्पादन बढ़ेगा। लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और राजस्व में बढ़ोतरी होगी। 

प्रोसेसिंग प्लांट के लिए भूमि, 110 करोड़ रुपए का निवेश

मैसर्स 3 एस मिनरल्स प्रोसेसर्स प्राइवेट लिमिटेड को प्रस्तावित सैकंडरी रॉक फास्फेट बेनिफिशियरी प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना के लिए उदयपुर के गांव मामादेव में 38.3500 हैक्टेयर भूमि आवंटित होगी। मंत्रिमंडल ने भूमि औद्योगिक प्रयोजनार्थ आरक्षित भूमि के आवंटन की स्वीकृति दी है। इससे प्रदेश में लगभग 110 करोड़ रुपए का निवेश होगा और प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से 800 लोगों को रोजगार मिलेगा। 

चर्म शिल्प कला विकास बोर्ड का होगा गठन

मंत्रिमंडल ने राजस्थान चर्म शिल्प कला विकास बोर्ड का गठन करने का निर्णय लिया है। इससे राज्य में चर्म व्यवसाय से सम्बंधित व्यक्तियों की आय एवं उनके जीवन स्तर में वृद्धि होगी। रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। यह बोर्ड राज्य में चर्म दस्तकारों के समग्र विकास एवं कुशल चर्म हैंडीक्राफ्ट कामगारों व उद्यमियों के आर्थिक उत्थान के लिए कार्य करेगा। 

धरियावद की पीड़िता को मिलेगी सरकारी नौकरी

मंत्रिमंडल ने प्रतापगढ़ जिले के धरियावद की पीड़िता को सरकारी नौकरी देने का संवेदनशील निर्णय लिया है। पीड़िता को शिक्षा विभाग के स्थानीय राजकीय विद्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर नियुक्ति दी जाएगी। इससे पीड़िता का सामाजिक पुनर्वास हो सकेगा। मंत्रिमंडल ने राजस्थान चतुर्थ श्रेणी सेवा (भर्ती एवं सेवा की अन्य शर्तें) नियम, 1999 में शिथिलता प्रदान करते हुए नियुक्ति के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। मंत्रिमंडल ने अनुसूचित जनजाति की महिला के साथ हुई घटना की निंदा भी की है। 

आरआईसी और एमआईसी के प्रबंधन में संस्थाओं का गठन

राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (आरआईसी) जयपुर और मारवाड़ इंटरनेशनल सेंटर जोधपुर (एमआईसी) को भी इंडिया इंटरनेशनल सेंटर नई दिल्ली की तर्ज पर संचालित किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने आरआईसी और एमआईसी के प्रबंधन के लिए स्वायत्तशासी संस्थान सोसायटी एक्ट के तहत जयपुर तथा जोधपुर कन्वेंशन सेंटर प्रबंधन संस्थाएं बनाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। उल्लेखनीय है कि राज्य में बौद्धिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए सेंटर्स का संचालन किया गया है।

विभिन्न सेवाओं में बढ़ाया वेतनमान

राजस्थान प्रशासनिक सेवा, राजस्थान लेखा सेवा, राजस्थान पुलिस सेवा, राजस्थान वन सेवा एवं राजस्थान बीमा सेवा संवर्ग में वेतनमान बढ़ाया जाएगा। इन सेवाओं में हायर सुपर टाइम स्केल पदों के वर्तमान पे-लेवल एल-23 को बढ़ाकर एल-24 किया जाएगा। इसके लिए मंत्रिमंडल ने राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम 2017 में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। 

गांधी अध्ययन केंद्र सोसायटी के प्रारूप का अनुमोदन

मंत्रिमंडल ने महात्मा गांधी विद्यापीठ: गांधी अध्ययन केंद्र सोसायटी के प्रारूप का अनुमोदन किया है। इससे संस्थान का सोसायटी एक्ट में पंजीकरण कर नवीन संस्थान की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा। यह केंद्र टोंक रोड स्थित सेंट्रल पार्क कनक भवन में संचालित हो रहा है। 

राजकीय प्रतिभूति के साथ Direct Debit Mandate का किया गया प्रावधान

बैठक में राज्य की ऋण आवेदक संस्थाओं को भारत सरकार के पब्लिक सेक्टर अण्डरटेकिंग आरईसी, पीएफसी (Public Sector Undertaking REC, PFC) जैसे वित्तीय संस्थाओं से ऋण स्वीकृति हेतु राजकीय प्रतिभूति के साथ डायरेक्ट डेबिट मेन्डेट (Direct Debit Mandate) की सहमति प्रदान करने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय से ऋण आवेदक संस्थाओं की वित्तीय स्थिति के दृष्टिगत उनके स्तर पर ही विभिन्न विकास गतिविधियों के लिए अतिरिक्त वित्तीय संसाधन सुगमता से जुटाना संभव हो सकेगा। 

ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ इन्टीग्रेटिव हैल्थकेयर, एजुकेशन एण्ड रिसर्च’ की होगी स्थापना, भूमि आवंटन के प्रकरण में दी शिथिलता

मंत्रिमंडल ने चेरिटेबल ट्रस्ट ‘द लीवर केयर फाउण्डेशन’ को अलवर की नीमराना तहसील के गांव बटाना में ‘ग्लोबल इन्स्टीट्यूट ऑफ इन्टीग्रेटिव हैल्थकेयर, एजुकेशन एण्ड रिसर्च’ की स्थापना के लिए भूमि आवंटन करने का निर्णय लिया। इससे लोगों को रियायती दरों पर चिकित्सा सुविधाओं मिलेगी। साथ ही, रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

सिरोही में दो संस्थाओं को भूमि आवंटन

सिरोही में भील समाज सेवा एवं विकास संस्थान और तुरी भाट समाज शिक्षा सेवा संस्थान को सामाजिक संस्थान व छात्रावास के लिए भूमि आवंटित होगी। इससे समाज के सभी आर्थिक व कमजोर वर्ग के लोगों और विद्यार्थियों को आवासीय सुविधा मिलेगी। मंत्रिमंडल ने संस्थाओं को रियायती दर से आवंटित किए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। 

जनभावनाओं का सम्मान, महाविद्यालयों और विद्यालयों का बदला नाम

बैठक में जयपुर के 4 राजकीय महाविद्यालयों का नामकरण किए जाने का निर्णय लिया गया। राजकीय महाविद्यालय कंवर नगर ब्रह्मपुरी जयपुर का नामकरण श्री राधा गोविन्द राजकीय महाविद्यालय कंवर नगर ब्रह्मपुरी जयपुर, राजकीय कन्या महाविद्यालय गंगापोल जयपुर का नामकरण ए.पी.जे. अब्दुल कलाम राजकीय कन्या महाविद्यालय गंगापोल जयपुर, राजकीय कन्या महाविद्यालय गणगौरी बाजार जयपुर का नामकरण माँ शबरी राजकीय कन्या महाविद्यालय गणगौरी बाजार जयपुर एवं राजकीय महाविद्यालय जयसिंहपुरा खोर जयपुर का नामकरण ज्योतिबा फुले राजकीय महाविद्यालय जयसिंहपुरा खोर, जयपुर करने का निर्णय लिया गया। साथ ही, राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय, सिरोही का नामकरण डॉ. भीमराव अम्बेडकर राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय सिरोही करने का भी निर्णय लिया।

राव गोगादेवजी और शहीद रूपाजी करपाजी के नाम पर महाविद्यालय 

बैठक में राजकीय कन्या महाविद्यालय सेखाला जिला-जोधपुर ग्रामीण का नामकरण राव गोगादेवजी राजकीय कन्या महाविद्यालय सेखाला जिला-जोधपुर ग्रामीण करने का निर्णय भी लिया गया। इस निर्णय से सर्परक्षक लोकदेवता गोगाजी के प्रति सर्वसमाज की आस्था व जनभावना का सम्मान होगा। साथ ही, राजकीय महाविद्यालय बेंगू जिला-चित्तौड़गढ़ का नामकरण शहीद रूपाजी करपाजी राजकीय महाविद्यालय बेंगू जिला चित्तौड़गढ़ करने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय से बेंगू किसान आंदोलन में शहीद रूपाजी करपाजी के प्रति स्थानीय जनभावना का सम्मान होगा। इसी प्रकार राजकीय जनजाति आवासीय विद्यालय भेडोली का नामकरण स्वामी श्री जय शिवानन्द महाराज राजकीय जनजाति आवासीय विद्यालय भेडोली किए जाने का निर्णय लिया गया। 

इंदिरा मायाराम के नाम से विद्यालय

मंत्रिमंडल ने राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, बगरू का नामकरण इंदिरा मायाराम राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय बगरू और राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रोवाड़ा (तहसील शिवगंज, सिरोही) का नामकरण श्री सार्दुलसिंहजी दाता राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रोवाड़ा करने का निर्णय लिया है। 

राजयोग एज्युकेशन एंड रिसर्च फाउण्डेशन को होगा भूमि आवंटन

राजयोग एज्युकेशन एंड रिसर्च फाउण्डेशन को प्राचीन भारतीय राजयोग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान केन्द्र के लिए भूमि आवंटित की जाएगी। मंत्रिमंडल ने राजस्थान आवासन मंडल की प्रताप नगर, सांगानेर आवासीय योजना में रियायती दर पर आवंटित करने का निर्णय लिया है। इससे मानव जाति का सामाजिक एवं आध्यात्मिक उत्थान हो सकेगा। 

नवगठित जिलों के सीमा पुनर्निधारण के लिए राजस्व मंत्री अधिकृत

मंत्रिमंडल ने नवगठित कतिपय जिलों की सीमाओं के पुनर्निर्धारण के सम्बन्ध में प्राप्त ज्ञापनों के निस्तारण के लिए राजस्व मंत्री को अधिकृत किया है।  

राजस्थान प्राकृत भाषा एवं साहित्य अकादमी की होगी स्थापना

मंत्रिमंडल ने राजस्थान प्राकृत भाषा एवं साहित्य अकादमी की स्थापना करने की स्वीकृति देते हुए सम्बन्धित विधान एवं मैमोरेण्डम ऑफ एसोसिएशन का अनुमोदन किया है। अकादमी की स्थापना होने से जैन भाषा के साहित्यों को संरक्षण प्राप्त होगा। साथ ही, प्राकृत भाषा के उच्चस्तरीय ग्रन्थों, पाण्डुलिपियों, साहित्य कोष, शब्दावली आदि की निर्देशिका तैयार होगी, जिससे इस भाषा के सम्बन्ध में आमजन को जानकारी प्राप्त होगी एवं प्राकृत भाषा समृद्ध होगी

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