मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को हाईकोर्ट में न्यायिक सेवा के खिलाफ दिए गए बयान को लेकरमाफी मांग ली है। हाईकोर्ट में सीएम गहलोत की ओर से दिए जवाब में कहा है कि वह उनके विचार नहीं थे।
पूर्व न्यायाधीशों ने भी कई बार न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को लेकर बयान दिए हैं। मेरे स्टेटमेंट में भी मैंने उनको कोट करते हुए ही अपनी बात कही थी। फिर भी अगर मेरे बयान से न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं।
हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश एजी मसीह की खंडपीठ ने सीएम गहलोत के बयान को रिकॉर्ड पर लेते हुए 7 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई तय की है। सीएम गहलोत की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल ने कहा कि हमने कोर्ट में सीएम गहलोत के जवाब के साथ पूर्व न्यायाधीशों के द्वारा दिए गए बयानों के दस्तावेज भी पेश किए हैं।