Thursday, December 26, 2024

भाजपा की विधानसभा चुनाव की सूची को लेकर विवाद, केंद्रीय नेतृत्व ने राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष को जयपुर भेजा, जेपी नड्डा करेंगे फैसला !

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प्रदेश भाजपा नेताओं में विधानसभा चुनाव की पहली सूची को लेकर विवाद दिखायी से रहा है। इस बढ़ते विवाद को देखते हुए केंद्रीय नेतृत्व ने मंगलवार को राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी एल संतोष को जयपुर भेजा था। उन्होंने भाजपा मुख्यालय पर कोर कमेटी की बैठक लेकर प्रदेश के नेताओं में पैनल को लेकर विवाद को सुलझाने का प्रयास किया।

राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी एल संतोष ने कोर कमेटी की बैठक में पहली सूची में शामिल पैनल के लोगों के नाम पर लंबी मंत्रणा हुई। इसके बाद आपसी सहमति बनाने की कोशिश की गई। इसी मामले को तय करने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जयपुर आ रहे हैं अब उनके सामने परिस्थितियों स्पष्ट की जाएगी और उसके बाद पहली सूची के नाम पर अंतिम मोहर लगाकर उसे जारी करने का निर्णय किया जाएगा।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेताओं की भी भाजपा की आने वाली सूची में महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। किसी को लेकरभाजपा के कुछ नेता सुबह अम्बाबाडी में संघ के स्वास्तिक भवन पहुंचे और संघचालक से लम्बी मंत्रणा की। अभी 65 में से 40-45 सीट की लिस्ट तैयार की जा रही है। पहले यह बैठक भाजपा कार्यालय में होनी थी, लेकिन एनवक्त पर स्थान बदलकर वैशाली नगर इलाके में की गई।
भाजपा की पहली सूची में सरदारशहर, सुजानगढ़, अंता, हवामहल, आदर्श नगर, बानसूर, अलवर ग्रामीण, बांदीकुई, दूदू, तिजारा, बिलाड़ा, झुंझुनूं, डूंगरगढ़, सादुलपुर, डूंगरपुर, कोटपूतली, मांडल, कोलायत, भादरा, गंगानगर, बायतू, खेरवाड़ा, नाथद्वारा, सहाड़ा, सीकर, बामनवास, सवाईमाधोपुर, टोंक, मसूदा, केकड़ी विधानसभा क्षेत्र की तैयारी की जा रही है।
दिल्ली में केन्द्रीय चुनाव समिति की हुई बैठक में प्रदेश के कुछ शीर्ष नेताओं ने अलग-अलग सूची सौंपी। इसमें आपसी तालमेल का अभाव रहा और इसमें कई विधानसभा क्षेत्र पर ‘अपनों’ के नाम लिख दिए गए। केंद्रीय नेता की सूची से भी ज्यादातर नाम मैच नहीं हुए। एकजुट होकर प्रत्याशी पैनल सूची तैयार नहीं की गई।
अब केंद्रीय नेतृत्व यह संकेत दे चुका है कि अब कुछ प्रमुख नेता चुनाव लड़ने की बजाय रणनीतिकार की भूमिका में आएं। इनमें वरिष्ठ नेता और सांसद भी शामिल है हैं। ऐसे कुछ नेताओं की नींद उड़ी हुई है, जो खुद के नाम को इस संकेत से जोड़कर देख रहे हैं। केंद्र नेविधानसभा चुनाव के लिएजो फार्मूला तैयार किया है उसके मुताबिकचुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी की अधिकतम उम्र सीमा 75 वर्ष। बागी होकर वापस पार्टी में लौटे नेताओं को चुनाव लड़ाने का क्या फॉर्मूला हो। बड़े नेताओं में खींचतान बंद, केवल आपसी समन्वय से आगे बढ़ना का फैसला किया जाए। कुछ सांसदों के लिए विधानसभा सीट चयन कर सर सम्मति से निर्णयकिया जाना चाहिए।भाजपा में निम्न विधानसभा क्षेत्र तिजारा, लक्ष्मणगढ़-राजगढ़, बागीदोरा, कुशलगढ़, शिव, बाड़मेर, गुढ़ामालानी, चौहटन, कामां, डीग- कुम्हेर, हिण्डोली, महुआ, सिकराय, दौसा, लालसोट, बाड़ी, राजाखेड़ा, सागवाड़ा, चौरासी, कोटपूतली, बस्सी, सांचौर, मंडावा, नवलगढ़, उदयपुरवाटी, खेतड़ी, ओसियां, सरदारपुरा, लूनी, टोडाभीम, हिण्डौन, करौली, सपोटरा, लाडनूं, डीडवाना, खींवसर, धोद, दांतारामगढ़, फतेहपुर, लक्ष्मणगढ़, वल्लभनगर को लेकर विवाद चल रहा है।इन विधानसभा क्षेत्र में भी आपसी सहमति बनाए जाने की कोशिश हो रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से विचार विमर्श के बाद तैयार पैनल को केंद्रीयचुनाव समिति के समक्ष रखकर फैसला कराया जाएगा।

भाजपा के पैनल में इस बार के उप राष्ट्रपति जगदीप धनकर,लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, छत्तीसगढ़ के चुनाव प्रभारी ओम प्रकाश माथुर, भाजपा प्रभारी अरुण सिंह, भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे, तेलंगाना के चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव,जल जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत,कानून राज्य मंत्रीअर्जुन राम मेघवाल प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी,प्रतिपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़,भाजपा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया पूर्व संगठन महामंत्री प्रकाश चंद गुप्ताऔर संगठन महामंत्री चंद्रशेखर मिश्रा की राय और आपसी सहमति के आधार पर भाजपा प्रत्याशियों की सूची जारी करने की पर जोर कोशिश की जा रही है। यह कोशिश भाजपा की कितनी सफल होगी इसके लिएआने वाला समय ही फैसला करेगा।

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