राजस्थान में आदर्श आचार संहिता लगने के साथ ही सरकार की और से शुरू की गई सभी सरकारी निःशुल्क योजनाएँ तुरंत प्रभाव से निष्क्रिय हो गई हैं। इसीलिए निशुल्क मोबाइल लेने पहुंचे लाभार्थी निराश लौटे, राजस्थान में आदर्श आचार संहिता लागू पर बोले- आज ही घोषणा करनी थी,हमारी उम्मीदों पर पानी गिर गया। आज हमे लेने देते कल आचार संहिता लग जाती तो हमे मोबाइल मिल जाता। चुनाव आयोग द्वारा राजस्थान में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही चपूरे राजस्थान में आदर्श आचार संहिता की पालना के लिए प्रशासन एक्टिव हो गया है। यहां निशुल्क मोबाइल वितरण केन्द्र के काउंटर, नगर परिषद,नगर निगम में पट्टा वितरण के लिए बनाये गये काउंटर भी बंद कर दिये गये है। यहां मोबाइल लेने पहुंचे लाभार्थियों को निराश होकर लौटना पड़ा। ज़िलो में सरकारी ऑफिसों व सार्वजनिक स्थानों पर से पोस्टर, बैनर व हॉर्डिंग्स हटाने का कार्य युद्धस्तर पर शुरू हो गया है। ऐसे स्थानों पर लगे पेम्पलेट रंगों से पोते जा रहे है। विधानसभा चुनावों की घोषणा के साथ ही चूरू नगर परिषद आयुक्त अनिता खीचड़ ने निशुल्क मोबाइल वितरण केन्द्र पहुंची। जहां आनन फानन में काउंटर को बंद करवाया। मोबाइल लेने पहुंचे लाभार्थियों को निराश होकर लौटना पड़ा। इस दौरान लोगों ने भारी मन से कहा आज ही चुनाव आयोग को ये घोषणा लागू करनी थी। एक दिन और रूक जाते, तो क्या चला जाता। पट्टा वितरण केन्द्र से भी आचार संहिता लगने के बाद लोग खाली हाथ लौटे। नगर परिषद की एक टीम जहां पोस्टर हॉर्डिग्स व बैनर उतार रही है। वहीं दूसरी टीम पीले रंग सार्वजनिक स्थानों और सरकारी विभागों के आगे लगे पेम्पलेट को पीले रंग से पोत रही है। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों को लेकर जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने अधिकारियों की दिशा निर्देश दिये है। उन्होंने जिला परिषद सभागार में हुई बैठक में कहा है कि विधानसभा आम चुनाव आदर्श आचार संहिता की पालना के साथ सम्पन्न हो। किसी भी प्रकार से आदर्श आचार संहिता और निर्वाचन आयोग के निर्देशों का उल्लंघन नहीं हो। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आदर्श आचार संहिता की पालना में कोताही बरतने पर खामियाजा भुगतने की चेतावनी दी है। उन्होंने कानून व्यवस्था और निर्वाचन व्यय मॉनिटरिंग पर बल देते हुए कहा कि पारदर्शिता चुनाव हम सभी की प्राथमिकता है।