Saturday, October 12, 2024

चुनावी ड्यूटी से बचने की तरकीब, प्रार्थना पत्रों पर तरकीब से बच रहे है नौकरी करने से, मेरे सास-ससुर बुजुर्ग हैं, मेरी पत्नी गर्भवती हैं

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दिव्य गौड़, जयपुर। मेरे सास-ससुर बुजुर्ग हैं… उनकी दवा चल रही है… घर में उनकी सेवा करने वाला कोई नहीं है… मैं ही उनका ख्याल रखती हूं…। मेरी पत्नी गर्भवती हैं… घर की सारी जिम्मेदारी मैं ही पूरी करता हूं… मां-बाप बूढ़े हैं उनकी देखभाल मुझे ही करनी पड़ती है… सुबह बच्चों को स्कूल भेजने से लेकर घर का सारा काम मुझे ही करना होता है…।
जिला कलक्ट्रेट में इन दिनों कुछ ऐसी परेशानियों से भरे प्रार्थना पत्र आ रहे हैं। दरअसल, विधानसभा चुनाव में जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से कार्मिकों की ड्यूटी चुनाव में लगाई है। ड्यूटी रद्द करवाने के लिए कर्मचारी कई तरह के कारण बता रहे हैं। खास बात है कि इनमें अधिकतर महिला कर्मचारी सास-ससुर की सेवा करने का हवाला दे रही हैं तो पुरुष कर्मचारी भी पत्नी की तबीयत खराब होने या फिर पत्नी के गर्भवती होने के कारण गिना रहे हैं। आलम यह है कि जिला कलक्ट्रेट में चुनाव से ड्यूटी रद्द करवाने के लिए मैनुअली और डाक के जरिए रोजाना 50 से अधिक प्रार्थना पत्र आ रहे हैं।

तय करेगा बोर्ड
ड्यूटी रद्द कराने के बढ़ते प्रार्थना पत्रों को देखते हुए एक कमेटी का गठन किया गया है। साथ ही मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है। मेडिकल अनफिट कर्मचारियों के प्रार्थना पत्रों की जांच की जाएगी। अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी और तहसीलदार जयपुर को इसकी जिम्मेदारी दी गई है।

35 हजार कार्मिकों की जरूरत,15 फीसदी रखेंगे रिजर्व
जयपुर जिले में विधानसभा चुनाव में करीब 35 हजार कार्मिकों की ड्यूटी लगाई जाएगी। इसके अलावा करीब 15 फीसदी कार्मिक रिजर्व में रखे जाएंगे। गौरतलब है कि जयपुर जिले के 97 विभागों के करीब 50 हजार से अधिक कार्मिकों का डाटा मंगवाया गया है। जिला कलक्ट्रेट की एनआईसी शाखा की ओर से अब कार्मिकों को ट्रेनिंग करवाई जा रही है।

यह है जिले में कार्मिकों का डाटा
– 35490 कार्मिकों की आवश्यकता है पोलिंग पार्टियों में
– 200 जोनल ऑफिसर लगाए जाएंगे चुनाव में
– 2000 सेक्टर ऑफिसर लगेंगे
– 900 माइक्रो ऑब्जर्वर लगाए जाएंगे
– 300 माइक्रो ऑब्जर्वर काउंसलिंग में लगेंगे
– 4589 बीएलओ लगे हैं
– 408 बीएलओ सुपरवाइजर लगेंगे

इस तरह के प्रार्थना पत्र आ रहे
– माता-पिता बुजुर्ग हैं, पत्नी बीमार है
– सास-ससुर की दवाइयां चल रही है
– पत्नी गर्भवती है
– वीपी-शुगर का मरीज हूं
– परिवार में शादी है, व्यवस्थाएं मुझे ही संभालनी है
– तनाव नहीं ले सकता, डॉक्टर ने मना किया है
– बच्चे छोटे हैं, पत्नी अकेले नहीं संभाल सकती
– पोस्ट कोविड के लक्षण अभी भी झेल रहा हूं, चक्कर आते हैं

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