मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी गलती को स्वीकार करते हुए कहा कि मैंने डिफेंस के सेवानिवृत्ति अधिकारी केसर सिंह को राजस्थान लोक सेवा आयोग का सदस्य बनाया है। यह निर्णय निश्चित तौर पर गलत हुआ ,है उन्होंने सदस्य बनने के बाद जिस तरह से टिप्पणी की है वह माफ करने लायक नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने तो कांग्रेस को मकराना से जीत दिलाने के लिए इस सेवानिवृत्ति फौजी अफसर का चयन किया था। लेकिन जिस प्रकार के बयानबाजी हो रहे हैं उसे मैं बेहद दुखी हूंऔर अब हटाने की स्थिति संभव नहीं है।
शुक्रवार को सीएम गहलोत प्रदेश कांग्रेस विधानसभा उम्मीदवारों के चयन को लेकर समिति की बैठक के बाद वार रूम के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि आरपीएससी का सदस्य केसर सिंहबनने के बाद मुझसे मिलने भी नहीं आया है। उन्होंने कहा कि मैंने तो अच्छे व्यक्ति कोआरपीएससी का सदस्य बनाया है।लेकिन जो आरोप प्रत्यारोप लग रहे हैं उसको लेकर मैं बेहद दुखी हूं और मुझे गलत निर्णय हो गया है। उन्होंने कहा कि विजिलेंस ने उनकी जांच ढंग से नहीं की और मुझे जानकारी के अभाव में यह सब कुछ हो गया है। उन्होंने इस बात की आवश्यकता जताई कि आने समय वाले समय में आरपीएससी में सदस्यों के चयन को लेकर पारदर्शी प्रक्रिया अपनाए जाने के लिएनए नियम बनाए जाएंगे।
सीएम गहलोत ने डिजाइन कंपनी के विवाद को लेकर इतना ही कहा कि यह हमारी पार्टी का आंतरिक मामला है और हम इसेसार्वजनिक तौर पर चर्चा नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि से सुलझा लिया जाएगा। सीएम गहलोत ने कहा कि प्रदेश स्तर पर स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हो गई है।इसमें विधानसभा चुनाव की रणनीति को लेकर बातचीत हुई है। उन्होंने कहा कि संभावित उम्मीदवारों के नाम को लेकर भी बातचीत हुई है और शनिवार को दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक मेंविधानसभा के उम्मीदवारों के बारे में अंतिम निर्णय किया जाएगा।
सीएम गहलोत ने कहा कि कुछ विधायकों के खिलाफविरोध प्रकट हो रहा है। उन्होंने कहा कि विरोध को पूरी तरह से नकारा नहीं जा सकता है कुछ विधायकों के बारे में विरोध सही भी हो सकता हैऔर कुछ के बारे में षड्यंत्र के तहत विरोध कराया जाता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में टिकट लेने वालों की संख्या अत्यधिक है और ऐसे में सभी को टिकट देना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी जीतने वाले को टिकट देगीऔर हम सरकार रिपीट करेंगे।