भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची जारी हुए सात दिन हो चुके हैं, लेकिन दावेदार और उनके समर्थकों का विरोध जारी है। 41 में से 15 से ज्यादा सीट पर कंट्रोल नहीं हो पाया है। कई जगह मंडल अध्यक्षों ने त्याग पत्र दे दिया है तो काफी समर्थकों ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की चेतावनी दे दी। इसके बावजूद डैमेज कंट्रोल टीम पूरी तरह फील्ड में नजर नहीं आ रहा है। पूर्व उपराष्ट्रपतिस्वर्गीय भेरू सिंह शेखावत के दामाद विधायक नरपत सिंह राजवी के अलावा दूसरी जगह बड़े नेताओं के आश्वासन और मनाने के बाद भी असर नजर नहीं आ रहा। हालात यह है कि प्रदेश भाजपा काेर कमेटी के शीर्ष नेताओं ने इस पर चिंता जताई, लेकिन धरातल पर पुख्ता नियंत्रण नहीं हो पा रहा है।
डैमेज कंट्रोल के लिए केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी के नेतृत्व में कमेटी है। इसमें चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नारायण पंचारिया और सांसद राजेन्द्र गहलोत भी हैं। लेकिन कारगर तरीके से यह सभी नेता टिकट से वंचित हुए नेताओं को मन पानी में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं।
तिजारा विधानसभा क्षेत्र अलवर सांसद बालकनाथ प्रत्याशी हैं। पूर्व विधायक मामन यादव चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
झोटवाड़ाविधानसभा क्षेत्र में सांसद राज्यवर्धन राठौड़ को टिकट के बाद पूर्व मंत्री राजपाल शेखावत के सर्मथक लगातार सक्रिय हैं। काले झंडे और प्रदर्शन कर भाजपा को परेशानी में डाल रहे हैं। यहां से बीएसपी सेचुनाव लड़ने वाले संदीप यादव चुनाव जीते थे।अब वे कांग्रेस में है और तिजारा की जगह किशनगढ़ बास से चुनाव लड़ने की रणनीति तैयार कर रहे हैं। ऐसे में भाजपा के सांसद बालक नाथ कोअपनों से ही संघर्ष करना पड़ेगा।
कोटपूतली विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशी हंसराज पटेल गुर्जर हैं। यहां दावेदार मुकेश गोयल और उनके समर्थक खुले में विरोध कर रहे हैं। पार्षद और संगठन के स्थानीय पदाधिकारी इस्तीफा देने की चेतावनी दे रखी है। कांग्रेस से उच्च शिक्षा राज्य मंत्री राजेंद्र यादव ही चुनाव लड़ेंगे। नया जिला बनाने और विकास कार्यों के कारण विधानसभा क्षेत्र की जनता उनका समर्थन कर रही है।
देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र मेंप्रत्याशी विजय बैंसला के विरोध में राजेन्द्र गुर्जर और उसके समर्थक विरोध कर रहे हैं।उनका कहना है कि बाहरी व्यक्ति को सहन नहीं किया जाएगा। कांग्रेस के हरीश मीणा चुनाव लड़ेंगे या नहीं अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। वे भाजपा से दोसा के सांसद रह चुके हैं। पूर्व डीजीपी औरकेंद्रीय मंत्री रहे नमो नारायण मीणा के छोटे भाई हैं। उनकी स्थिति कैसी होगी यह तो पता नहीं टिकट मिलने के बाद सामने आएगी कैसी होगी।
किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र में अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी प्रत्याशी हैं यहां वर्ष 2018 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और हारने वाले विकास चौधरी चुनाव लड़ने की चेतावनी दे चुके हैं। कांग्रेस उन पर निगाहें बनाए हुए हैं। भागीरथ चौधरी किशनगढ़ से दो बार विधायक रह चुके हैं। किशनगढ़ से निर्दलीय विधायक सुरेश टॉक चुनाव जीते थे। विकास कार्य खूब कराया उनकी स्थिति पहले से मजबूत है।उनको कांग्रेस से टिकट मिलेगा या नहीं अभी निश्चित नहीं है।
नगर विधानसभा प्रत्याशी जवाहर सिंह बेडम है और पूर्व विधायक अनिता सिंह गुर्जर चुनाव लड़ने का एलान कर चुकी हैं। इसे भाजपा की स्थिति कमजोर होने की संभावना बनी हुई है।
बानसूर विधानसभा क्षेत्र में देवी सिंह शेखावत को टिकट देने के विरोध में दावेदार महेन्द्र यादव के समर्थकों ने टिकट बदलने की मांग कर रखी है।