जयपुर। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने मुख्यमंत्री गहलोत के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कुर्सी के लालच में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूरे प्रदेश को अपराध और भ्रष्टाचार के दावानल में धकेल दिया। गहलोत यह बार-बार दोहरा रहे हैं कि मैं मुख्यमंत्री का पद छोड़ना चाहता हूं, लेकिन यह पद मुझे नहीं छोड़ रहा और आगे भी नहीं छोड़ेगा।
मुख्यमंत्री पद को लेकर अशोक गहलोत की मनोस्थिति “मैं तो वही खिलौना लूंगा, मचल गया दीना का लाल” जैसी है।
राजस्थान की जनता ने अब तय कर लिया है, कांग्रेस के इस भ्रष्ट शासन को जड़ से उखाड़ फेंकना है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि ईडी से उनके पेट में दर्द स्वाभाविक है, क्योंकि इनकी सरकार के हर विभाग में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। जहां भ्रष्टाचार होगा वहां केंद्रीय एजेंसियां आएंगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भ्रष्टाचार से लड़ने वाली प्रदेश की संस्था एसीबी को पंगु बना दिया है। खुद एसीबी के पूर्व प्रमुख बीएल सोनी मुख्यमंत्री पर आरोप लगा चुके हैं। 90 प्रतिशत से अधिक मामलों में आज भी अभियोजन स्वीकृति नहीं मिली है। ऐसी स्थिति में प्रदेश में भ्रष्टाचार कैसे कम होगा।
आरपीएससी में पैसे लेकर सदस्य बनाना, उन सदस्यों का पेपर आउट करने में संलिप्त रहना, प्रदेश सरकार का उन पर उचित कार्रवाई नहीं करना, पेपर आउट करने में पकड़े गए आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट के महंगे वकील उपलब्ध कराना, परीक्षा में पास करने के नाम पर लाखों रुपए रिश्वत लेने वाले कांग्रेस के पूर्व राज्य मंत्री के मामले में कमजोर धाराएं लगाना जैसे अनेक मामले हैं, जो कांग्रेस सरकार की कार्यरत प्रणाली पर प्रश्न चिह्न उठाती है। मुख्यमंत्री गृहमंत्री भी हैं, अतः उनकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है। उनके मंत्रालय में सरकारी कार्यालय में करोड़ों रुपए की रिश्वत और सोने की सिल्लियां मिलती हैं, परंतु मामले की गहनता से जांच नहीं की जाती। ऐसे में ईडी या कोई केंद्रीय एजेंसी नहीं आएगी, तो इनके भ्रष्टाचार के काले कारनामों से पर्दा कैसे उठेगा।