जयपुर।राजस्थान महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुमन शर्मा ने एक बयान जारी कर कहा है कि नवरात्रा में जहां पूरा राजस्थान कन्या पूजन कर माता की भक्ति कर रहा है वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राज में युवतियों पर केमिकल अटैक किया जा रहा है। कांग्रेस राज में लचर कानून व्यवस्था की बर्बरता का आलम ये है कि दुष्कर्मियों ने 5 साल तक की अबोध बालिकाओं और 60 वर्ष से अधिक उम्र की बुजुर्ग महिलाओं तक को नहीं छोड़ा। इसका सजीव उदाहरण जयपुर के बगरू इलाके में देखने को मिला है। यहां एक युवती पर बदमाश केमिकल अटैक कर भाग गया और घटना के दो दिन बाद भी पुलिस उस आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। लचर कानून व्यवस्था का इससे बडा उदाहरण पूरे देश में कहीं देखने को नहीं मिलेगा।उन्होंने कहा कि इस मामले के बाद एक बार फिर कांग्रेस की तुष्टीकरण की नीति उजागर हुई। कांग्रेस नेताओं की ओर से कोई बयान तक जारी नहीं किया गया, ना ही पुलिस प्रशासन की ओर से आरोपी को गिरफ्तार किया। बगरू में 21 वर्षीय पीड़िता को बदमाश शहजाद कुरैशी पिछले लंबे समय से परेशान कर रहा था। वह उस पर जबरन शादी का दबाव बना रहा था। जब युवती ने युवक से शादी करने से साफ इनकार कर दिया तो इससे नाराज होकर बदमाश ने 22 अक्टूबर को युवती पर ज्वलनशील केमिकल फेंक दिया। इससे युवती की कमर का बडा हिस्सा जल गया। घटना के 48 घंटे बाद भी प्रशासन की ओर से पीड़िता के लिए कोई मदद नहीं की घोषणा नहीं की।राजस्थान महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुमन शर्मा ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस राज में महिलाओं पर अत्याचार, बालिकाओं से दुष्कर्म, दलितों का उत्पीड़न की घटनाएं आम बात हो गई है। राज्य में इस वर्ष मई में श्रीगंगानगर के अनूपगढ़ में 40 वर्षीय महिला के साथ रेप करने का प्रयास किया गया। जब महिला ने इसका विरोध किया तो 58 वर्षीय आरोपी ने महिला पर तेजाब फेंक दिया। वहीं गत अगस्त में ही भीलवाड़ा के कोटारी में 14 वर्ष की नाबालिग बालिका को कुछ लोगों ने गैंगरेप के बाद कोयले के भट्टी में जिंदा जला डाला। वहीं दो सितंबर को प्रतापगढ़ जिले के धरियावद थाना क्षेत्र के पहाड़ा गांव में एक आदिवासी महिला को निर्वस्त्र कर गांव में घुमाने की घटना हुई थी। इससे पहले 11 जुलाई को करौली जिले के नादौती तहसील के भीलपाड़ा गांव में एक दलित युवती को गैंगरेप के बाद हत्या और शव को तेजाब से जलाकर कुएं में फेंकने के मामले ने राजस्थान को शर्मशार किया था। ये सभी घटनाएं राजस्थान को महिला अत्याचार में नंबर वन पर खडा करती है।