Home राजनीति कांग्रेस को चुनाव के समय ही गाय और किसान की याद क्यों आई, संपूर्ण कर्जमाफी की जो गारंटी दी थी उसका क्या हुआः कैलाश चौधरी

कांग्रेस को चुनाव के समय ही गाय और किसान की याद क्यों आई, संपूर्ण कर्जमाफी की जो गारंटी दी थी उसका क्या हुआः कैलाश चौधरी

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केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नई गारंटियों की दुकान खोलने चले हैं, पुरानी गारंटियों को भूल गए। संपूर्ण कर्जमाफी के नाम पर कांग्रेस ने प्रदेश के किसानों को ठगा और कर्ज में डूबे 19 हजार से ज्यादा किसानों की जमीनें नीलाम हो गई, जिसके चलते प्रदेश में सैंकड़ों किसानों ने आत्महत्या कर ली। पिछले चुनावों में कांग्रेस ने बेरोजगारों को 3500 रूपये रोजगार भत्ता देने की घोषणा की थी, लेकिन लूट और झूठ की इस सरकार ने पांच साल तक बेरोजगारों को गुमराह किया। 

भाजपा के मीडिया सेंटर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुएकेंद्रीय कृषि राज्य मंत्री चौधरी ने कहा कि सीएम गहलोत को आज गाय की चिंता हुई है, और गोबर खरीद की गारंटी देने लगे हैं, पांच साल से ये किसान और गाय यहीं थी तब इन्हे चिंता क्यों नहीं हुई। लंपी वायरस के समय प्रदेश में 9 लाख गाये मरी तब सीएम गहलोत को गायों की चिंता क्यों नहीं हुई ? प्रदेश के पशुपालकों को मुआवजे की बात आई तो सरकार ने महज 40 हजार लोगों को ही मुआवजा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को चिन्हित करके दिया गया। 

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री चौधरी ने कहा कि गहलोत सरकार किस मुंह से अंग्रेजी शिक्षा देने की बात कर रही है। प्रदेश में अलग से कोई अंग्रेजी स्कूल नहीं खोला गया हिंदी माध्यम स्कूलों को ही अंग्रेजी माध्यम किया गया, जिसमें अलग से अंग्रेजी के अध्यापक भी भर्ती नहीं किए गए। आज प्रदेश में हायर सैकेंडरी स्कूलों में स्टाफ नहीं है और दस दस कॉलेजों पर एक प्रिंसीपल लगाया हुआ है। इसके अलावा 500 रूपये में एलपीजी गैस सिलेंडर की गारंटी थोथी है, क्योंकि केंद्र सरकार पहले से ही 500 रूपये की सब्सिडी दे रही है, गहलोत सरकार महज 100 रूपये का झुनझुना पकड़ाकर जनता को गुमराह कर रही है।  

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री चौधरी ने कहा कि ओपीएस के नाम पर वाहवाही लूटने वाले सीएम गहलोत को जनता को यह बताना चाहिए कि न्यू पेंशन स्कीम लाने वाले भी अशोक गहलोत और यूपीए सरकार ही है। 2010 में यूपीए सरकार ने ही न्यू पेंशन स्कीम को लागू किया था। आज प्रदेश सरकार झूठी गारंटियों के चक्कर में कर्ज के दलदल में जनता को दबा रही है जिसके चलते ठेकेदारों को उनका पैसा नहीं मिल पा रहा है। 

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