जयपुर के गणपति प्लाजा में बने लॉकर्स की आयकर अधिकारी लगातार जांच कर रहे हैं। शनिवार को सर्च के दौरान एक लॉकर से आयकर के अधिकारियों को साढ़े 4 किलो सोना मिला। जो की रूई की चादर में लपेटकर हुआ था। गोल्ड की जांच करने पर उसका वजन और शुद्धता के लिए टीमों को मौके पर बुलाया गया। जांच के दौरान गोल्ड शुद्ध और अच्छी क्वालिटी का बताया जा रहा हैं। इसका वर्तमान बाजार मूल्य करीब 2.5 करोड़ रुपए बताई गई है। इनकम टैक्स के अधिकारियों ने गोल्ड को सीज कर लिया है। ये लॉकर किसका है। इसका खुलासा विभाग ने नहीं किया है।
दरअसल, किरोड़ी लाल मीणा के आरोपों के बाद जयपुर में गणपति प्लाजा के लॉकर्स की जांच जारी है। यहां स्थित रोयरा सेफ्टी वॉलेट्स में इनकम टैक्स के अधिकारी जांच में जुटे हैं। इनकम टैक्स से मिली जानकारी के अनुसार अब तक करीब 762 लॉकर की जांच की जा चुकी हैं। अभी 338 लॉकरों की जांच करना बाकी हैं। जांच के दौरान इनकम टैक्स को गोल्ड, नगदी बरामद हुई है। उसे लेकर लॉकर धारकों से पूछताछ की जा रही हैं। कुछ लॉकर ऑनर के द्वारा लॉकर में रखे हुए सामान की जानकारी इनकम टैक्स के अधिकारियों को दे दी गई है। इनकम टैक्स इन्वेस्टिगेशन विंग के अधिकारी लॉकर मालिकों से इन गोल्ड और नगदी के बारे में पूछताछ कर रहे हैं।
इससे पहले एक लॉकर से इनकम टैक्स के अधिकारियों को 2 करोड़ 46 लाख रुपए मिले थे। 1 किलो गोल्ड और अब ढाई किलो गोल्ड मिला है। अधिकारियों ने बताया- लॉकरों में और भी पैसा मिल सकता है। अब केवल 338 लॉकर की जांच करनी बाकी है। इन लॉकर्स में अधिकांश लॉकर बेनामी बताए जा रहे हैं। जिन दस्तावेजों के आधार पर लॉकर लिए गए। वह फर्जी निकल रहे हैं। इनकम टैक्स की टीम ऐसे लॉकर्स की लिस्ट बना रही है।
कुछ लॉकर ऐसे मिले हैं जिनका नाम और पता मिस मैच हो रहा
जानकारी अनुसार, कुछ लॉकर ऐसे भी मिले हैं। इनके मालिक का नाम और पता मिल ही नहीं रहे हैं। जिस नाम से लॉकर खोला गया, वह नाम अस्तित्व में नहीं है। जो पता लिखा रखा है। वहां पर व्यक्ति रहता ही नहीं है। इनकम टैक्स को ऐसे ही लॉकर की जांच करने में समय लग रहा है।
इनकम टैक्स के अधिकारियों का कहना है कि जब तक सारे लॉकर ऑनर आकर अपना लॉकर नहीं खोल देते जांच जारी रहेगी। दरअसल, गणपति प्लाजा के अंडरग्राउंड में लॉकर्स बने हैं।
राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने लॉकर्स में 500 करोड़ रुपए होने का आरोप लगाया था।
नौकर के नाम से लेते लॉकर, फिर उसे निकाल देते
आईटी रेड के एक्सपर्ट अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया- वह कई बार इस तरह की रेड कंडक्ट कर चुके हैं। लोग अपने नौकरों के नाम से लॉकर के आसपास वाले लॉकर ले लेते हैं। फिर उन नौकरों को निकाल देते हैं। उन नौकर के लॉकर को ये लोग खुद यूज करते हैं। अगर ईडी और आईटी की टीम सर्च करती है, ये लोग जानकारी होने से इनकार कर देते हैं।