अखिल भारतीय कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की मैराथन बैठक रविवार को वार रूम में 6 घंटे चली, इसमें 94 उम्मीदवारों को लेकर चर्चा की गई। स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में इंडिया गठबंधन को लेकर भी चर्चा हुई लेकिन कोई निर्णय नहीं हो सका। सोमवार को शाम 5:00 बजे कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में होगी। इस बैठक में राहुल गांधी और सोनिया गांधी की मौजूदगी में अंतिम निर्णय हो सकेगा। विशेष रूप से, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट, भंवर जितेंद्र सिंह, प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के मौजूद रहने की संभावना है।
बैठक में सबसे महत्वपूर्ण निर्णय तो 25 सितंबर को बगावत करने वाले यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, पीएचडी मंत्री डॉ. महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौर को चुनाव लड़ाई जाने पर किया जाना है। इसके अलावा बैठक में वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी या उनकी पुत्री, दीपेंद्र सिंह शेखावत या उनके पुत्र बालेंदु शेखावत, नारायण सिंह के पुत्र विधायक वीरेंद्र सिंह, परसराम मोरदिया या उनके पुत्र, विधायक भरोसी जाटव या उनके पुत्र, विधायक बाबूलाल कठूमर या उनके पुत्र, निर्दलीय विधायक महादेव सिंह खंडेला या उनके पुत्र के टिकट के बारे में फैसला किया जाना है। बीएसपी से कांग्रेस में शामिल हुए शेष बचे विधायकों के साथ ही निर्दलीय विधायक आलोक बेनीवाल, बलजीत यादव, तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री और राष्ट्रीय लोकदल के विधायक डॉ. सुभाष गर्ग, माकपा के दो विधायकका भी फैसला किया जाना है। कुछ बगावत वाली सीटों पर भी जिसमें विशेष रूप से शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान और कुछ मौजूदा घोषित सीटों पर भी बदलाव पर चर्चा होना संभव है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कोशिश है कि विधानसभा का चुनाव परिवार के सदस्यों की जगह मौजूदा विधायकों को ही लगाया जाए। इसके अलावा वेगठबंधन के पक्ष में है जिससे कि उनके कुछ लोगों कोटिकट मिल सके। राष्ट्रीय लोकदल ने पांच विधानसभा क्षेत्र, माकपा ने तीन विधानसभा क्षेत्र और कुछ अन्य लोगों ने भी विधानसभा क्षेत्र मांगे हैं।
सचिन पायलट समझौता करने के पक्ष में नहीं है उन्होंने कुछ घोषित उम्मीदवारों पर भी आपत्ति जताई है और कहा है कि गलत नीतियों के कारण कांग्रेस के अच्छे लोगभाजपा में जा रहे हैं। ऐसे में नाराज लोगों से बातचीत कीजानी चाहिए। कहने को तो सीएम गहलोत और पायलट के बीच समझौता हो चुका है। लेकिन आज भी कार्यकर्ताओं को यह महसूस नहीं हुआ है कि हम एक हो गए हैं। ऐसे में सार्वजनिक तौर पर आपसी समन्वय करने की जरूरत है।
लगभग 37 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां जीत हार 5000 वोटो से कम से होती है। 19 सीटों पर कांग्रेस पिछले तीन चुनाव से चुनाव हार रही है ऐसे में वहां मजबूत उम्मीदवारों के उतारे जाने पर भी चर्चा की जा रही है। कांग्रेस इन सब परिस्थितियों के चलते अब अपने उम्मीदवारों को घोषित करने में परेशानी महसूस कर रही है। इन परिस्थितियों के बावजूद सोमवार को केंद्रीय चुनाव समिति लगभग 55 उम्मीदवारों की चौथी सूची जारी कर सकती है। शेष बची पांचवी सूची 2 नवंबर तक जारी कर दी जाएगी।