पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई की महिला एजेंट के हनी ट्रैप में फंसकर सामरिक महत्व की सूचना सोशल मीडिया के माध्यम से साझा करने के मामले में राजस्थान इंटेलिजेंस टीम ने बीकानेर जिले के खाजूवाला थाना अंतर्गत बॉर्डर के गांव आनंदगढ़ के रहने वाले जासूस नरेंद्र कुमार (22) को गिरफ्तार किया है। आरोपी दो महिला पाक एजेंट के संपर्क में था।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस इंटेलिजेंस एस सेंगाथिर ने बताया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी अपनी महिला एजेंट के जरिए हनी ट्रेप के माध्यम से मुख्यतः सैनिको, पैरा मिलिट्री, रक्षा, जलदाय विभाग, विद्युत विभाग, रेलवे के कर्मचारी, वैज्ञानिकों, सेना के राशन सप्लायर्स, ठेकेदारों और बॉर्डर क्षेत्र के स्थानीय निवासियों को निशाना बनाते हैं। राजस्थान इंटेलिजेंस की टीम द्वारा ऐसी गतिविधियों की सतत निगरानी की जाती है।
एडीजी सेंगाथिर ने बताया कि निगरानी के दौरान सामने आया कि आरोपी नरेंद्र कुमार सोशल मीडिया के माध्यम से इन महिला एजेंट के संपर्क में रहकर अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर क्षेत्र की सामरिक महत्व की सूचनाओं साझा कर रहा है। जिसे डिटेन कर जयपुर में विभिन्न एजेंसियों द्वारा पूछताछ की तो उसने बताया कि वह 2 साल से फेसबुक पर “पूनम बाजवा” के नाम से संचालित अकाउंट के संपर्क में है। पूनम ने खुद को भटिंडा निवासी बताते हुए बीएसएफ में डाटा एंट्री ऑपरेटर पद पर कार्य करना बताया।
पूनम ने नरेंद्र से दोस्ती कर शादी का प्रलोभन दिया और अपने व्हाट्सएप नंबर देकर अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित संवेदनशील सूचनाए जैसे सड़क, पुल, बीएसएफ पोस्ट, टावर, आर्मी की गाड़ियों की फोटोग्राफ, प्रतिबंधित स्थान के फोटोग्राफ और वीडियो प्राप्त करती रही। इसके साथ ही महिला पाक एजेंट के कहने पर महिला द्वारा बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप में बॉर्डर क्षेत्र के निवासी व्यक्तियों को ग्रुप का सदस्य बनाया।
एडीजी इंटेलीजेंस ने बताया कि जासूस नरेंद्र पिछले कुछ समय से एक अन्य महिला पाक हैंडलर के संपर्क में भी था। महिला ने अपना नाम सुनीता व खुद को दैनिक भास्कर की स्थानीय पत्रकार बताते हुए नरेंद्र से बॉर्डर क्षेत्र की सामरिक जानकारी प्राप्त की। आरोपी के मोबाइल की जांच में तथ्यों की पुष्टि होने पर शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है।
एडीजी सेंगाथिर ने बताया कि पाकिस्तान की महिला एजेंट भारत के मोबाइल नंबर से सोशल मीडिया अकाउंट ओपन कर सीमावर्ती क्षेत्र के युवाओं को निशाना बनाती है। भारतीय मोबाइल नंबर होने के कारण उन पर किसी को शक नहीं होता। खासकर युवा इन महिलाओं के हनी ट्रैप में फंस कर सामरिक महत्व की सूचनाओं को साझा कर देते है।
एडीजी ने सभी नागरिकों से आह्वान किया है कि सोशल मीडिया का उपयोग सावधानी पूर्वक करें। अंजान पुरुष या महिला को बिना पहचान के दोस्त बनाना, मोबाइल नंबर या ओटीपी शेयर करना तथा सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण सूचना साझा करना सुरक्षा एजेंसी के लिए गंभीर चिंता का विषय बन जाता है। इसके लिए सभी नागरिकों को जागरूक होना होगा।