निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार की अध्यक्षता में चुनाव आयोग द्वारा गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चुनावी राज्यों के मुख्य सचिवों, पुलिस महानिदेशकों और प्रमुख सचिव (गृह) की बैठक आयोजित कर विधानसभा आम चुनाव-2023 को देखते हुए कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की गई। इस बैठक में निर्वाचन आयुक्त अनूपचंद्र पाण्डे एवं अरुण गोयल एवं विधानसभा चुनाव वाले राज्यों के अतिरिक्त उनके पड़ोसी राज्यों के आबकारी, राज्य जीएसटी, पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा, आयकर, केन्द्रीय जीएसटी, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, बीएसएफ और केन्द्रीय पुलिस बलों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से सुनिश्चित कराने के लिए पड़ोसी राज्यों को भी संवेदनशीलता और सतर्कता बरतनी होगी। उन्होंने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया में अंतिम समय तक सामने आ सकने वाले किसी भी प्रकार के अंतर-राज्यीय मुद्दों के समाधान के लिए चुनावी राज्यों और पड़ोसी राज्यों सहित सभी 17 राज्यों की भूमिका महत्वपूर्ण है। निर्वाचन आयुक्त पाण्डे और गोयल ने अवैध नकदी, अवैध शराब आदि के प्रवाह को रोकने के लिए अंतराज्यीय सीमाओं पर दोतरफा निगरानी बढ़ाए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर पड़ोसी राज्यों के साथ अब तक दो बार बैठक की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि गत विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार सीजर की कार्रवाई काफी प्रभावी रही है, जिसके फलस्वरूप जब्ती में कई गुना वृद्धि दर्ज की गई है।
पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया शांतिपूर्ण सम्पन्न कराने के लिए प्रदेशभर में पुलिस द्वारा प्रभावी रूप में निषेधात्मक कार्रवाई की जा रही है। संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर, कानून व्यवस्था की स्थिति का आकलन कर जिलेवार केन्द्रीय पुलिस बलों की 100 कंपनी तैनाती का आवंटन कर दिया गया है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि वीसी में निर्वाचन के दौरान धन-बल, अवैध शराब और मादक पदार्थों को रोकने के लिए प्रभावी कार्य-योजना बनाकर कार्य करने, बॉर्डर एरिया चेक पॉइन्ट्स पर सघन जाँच, सभी एजेंसियां को समन्वय से कार्य करने और आयोग के सभी निर्देशों का पालन अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए गए। भारत निर्वाचन आयोग के प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन निगरानी व्यय को लेकर भी आवश्यक दिशा निर्दश दिए।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान प्रदेश में कानून-व्यवस्था को प्रभावित कर सकने वाले मुद्दों की सूची बनाकर पुलिस एवं प्रवर्तन एजेंसियों को चाक-चौबंद कर दिया गया है। इसके लिए पुलिस और आबकारी विभाग की राजस्थान के 307 चेक पॉइन्ट्स एवं पड़ोसी राज्यों के 188 चेक पॉइन्ट्स पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। जरूरी मामलों में सीआरपीसी, एनडीपीएस, एनएसए, राजपासा आदि में मामले दर्ज कर कानूनी कार्यवाही भी की जा रही है। चुनाव की घोषणा होने के बाद से ही असलाह की जब्ती का कार्य भी किया जा रहा है। आवश्यकता पड़ने पर होमगार्ड की उपलब्धता मांग के अनुसार सुनिश्चित करने, राजस्थान के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्रों में सूखा दिवस को प्रभावी रूप से लागू करने, श्रम विभाग की ओर से निजी क्षेत्र के लिए मतदान दिवस पर सवैतनिक अवकाश घोषित करने संबंधी आदेश जारी कर दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि निर्वाचन में मतदाताओं को प्रलोभन देने या किसी भी अन्य प्रकार से प्रभावित करने की आशंका को समाप्त करने के लिए अवैध नकदी, अवैध शराब, मादक पदार्थ, सोना-चांदी सहित बहुमूल्य धातुओं और फ्रीबीज के अवैध परिवहन पर रोक लगाने के लिए व्यापक स्तर पर कार्य किया जा रहा है और रिकार्ड जब्ती की गई है।
गुप्ता ने कहा कि अंतरराज्यीय सीमाओं पर सभी पुलिस चेकपोस्ट, आबकारी चेकपोस्ट और वन नाकों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य की सीमाओं पर जहां अंतरराज्यीय आवागमन अधिक है, वहां फर्जी मतदान की आशंका को रोकने के लिए आगमन बिन्दुओं को सील करने के निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा वाले श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर जिलों में बीएसएफ, पुलिस, एनसीबी और इंटेलीजेंस एजेंसियों द्वारा विशेष सतर्कता बरती जा रही है।