दिव्य गौड़, जयपुर। वैसे तो दीपावली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता हैं। और सभी हिन्दू इसे बड़े ही हर्षोल्लास और उमंग के साथ पवित्रता के साथ मानते हैं और मनाते भी हैं लेकिन इस बार दीपावली को लोकतंत्र के पर्व कहे जाने वाले चुनाव की रंग में फीका पड़ते देखा जा रहा हैं। चुनाव दीपावली पर भारी ना पड़ जाये और बाज़ार में व्यावसायिक गतिविधों में रंग फीका देख सेल की भी कोई क़ीमत और महत्व नहीं लग रहा हैं।
दीपावली त्योहार पर बड़ी कंपनियां मेगा सेल व ऑफर जारी करती है। इस बार दीपावली के साथ ही विधानसभा चुनाव भी है।ऐसे में राजनीतिक पार्टियों ने अंदरुनी तौर पर जिताऊं व बड़े नेताओं के लिए चुनावी मेगा ऑफर जारी कर रखा है। दूसरे दलों से आने वाले कई नेताओं को हाथों-हाथ पार्टियां टिकट देकर मैदान में उतार रही है। अब तक 50 नेता दलबदलु प्रत्याशी बन चुके है।
दूसरे दलों से भाजपा ज्वाॅइन करते ही मिला टिकट: पूर्व विधायक दर्शन सिंह गुर्जर व सुभाष मील बुधवार को कांग्रेस छोड़कर और उदयलाल डांगी आरएलपी छोड़कर बुधवार को ही भाजपा में आए थे। भाजपा ने दर्शन सिंह को करौली, सुभाष मील को खंडेला से और उदयलाल डांगी को वल्लभनगर से टिकट दिया है। आरएलपी से भाजपा में आए रेवतराम डांगा को भाजपा ने खींवसर से आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीलाल के सामने टिकट दिया है। बसपा से आए बन्नाराम मीना को राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ से टिकट दिया है। इससे पहले भी कांग्रेस से आए ज्योति मिर्धा को नागौर से उतारा है।ॉ
भाजपा-कांग्रेस छोड़ों, आरएलपी व एएसपी से टिकट लो
भाजपा के एससी मोर्चा के उपाध्यक्ष बीएल भाटी ने बुधवार को आरएलपी ज्वाॅइन की और गुरुवार सुबह आरएलपी ने भाटी को जायल से टिकट दे दिया। वहीं पूर्व कांग्रेस नेता बाबूलाल कुलदीप को सुजानगढ़ से िटकट दिया है। गुर्जर आंदोलन के नेता व कांग्रेस पार्टी छोड़कर आए डा. विक्रम सिंह गुर्जर को देवली-उनियारा से टिकट दिया है।
वहीं भाजपा छोड़कर आए एडवोकेट हनुमान प्रसाद बैरवा को दूदू से, कांग्रेस छोड़कर आए प्रहलाद नारायण बैरवा को निवाई से, भाजपा छोड़कर आए पीसांगन से पूर्व प्रधान अशोक सिंह रावत को पुष्कर से, कांग्रेस छोड़कर आए बिजयनगर पालिका के पूर्व चेयरमेन सचिन सांखला को मसूदा से उतारा है। वहीं आरएलपी के गठबंधन में शामिल आजाद समाज पार्टी (एएसपी) ने कांग्रेस छोड़कर आए पूर्व विधायक रामचंद्र सिराधना को विराटनगर और भाजपा छोड़कर आए पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा को बानसून से उतारा है।
पिछले चुनावों में तीसरा मोर्चा व निर्दलीयों ने लिए थे 74 लाख वोट
विधानसभा 2018 में तीसरा मोर्चा के राष्ट्रीय व स्थानीय दलों ने 39 लाख 80 हजार 258 वोट हासिल किए थे। वहीं निर्दलीयों ने 33 लाख 76 हजार 675 वोट लिये थे। यानि भाजपा व कांग्रेस के खिलाफ करीब 74 लाख वोट दूसरे दलों व निर्दलीयों को पड़े थे। इसमें बसपा को सबसे ज्यादा 4.08 प्रतिशत वोट मिले थे। इसके बाद सीपीएम को 1.23 फीसदी वोट मिले। वहीं आरएलपी सहित अन्य स्थानीय पार्टियों ने 5.68 प्रतिशत वोट लिए थे।
बसपा ज्वाॅइन करते ही मिला टिकट
बाड़ी के जसवंत गुर्जर ने भाजपा छोड़कर और पूर्व मंत्री संपतराम की पुत्रवधू और पूर्व एसीएस अशोक संपतराम की पत्नी ने कांग्रेस छोड़कर बसपा की सदस्यता ली थी। बसपा ने दोनों को टिकट दे दिया। वहीं कांग्रेस से आए मोहम्मद नियाज को लाड़नू और रामलाल चौधरी को सांगानेर से और भाजपा से आए रितेश शर्मा को धौलपुर से टिकट दिया है।