पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान पर कहा कि उनकी माफी के बाद किसी टिप्पणी का कोई औचित्य नहीं है। लेकिन व्यक्तिगत रूप से मेरा मानना है कि ऐसे शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।
गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए चिदम्बरम ने कहा कि मोदी सरकार चुनाव में केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में अगली सरकार तय करने का अधिकार 5.2 करोड़ मतदाताओं को है, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ईडी, आयकर और सीबीआई के दम पर इस अधिकार को प्रभावित करना चाहती है।
चिदम्बरम ने राजस्थान की जनता से अपील की कि केंद्र की घिनौनी हरकत को नाकाम कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का बचाव करें और अपनी मर्जी की सरकार चुने।
चिदम्बरम ने कहा कि भाजपा के 305 सांसद हैं और 1,360 विधायक हैं। इसके बावजूद 95-97 फीसदी जांच एजेंसियों की कार्रवाई केवल विपक्षी पार्टियों पर ही होती हैं। इनका ईडी, सीबीआई पर भरोसा है। इससे साफ संकेत मिलते हैं कि लोकतंत्र खतरे में है।
चिदम्बरम ने महिलाओं, आदिवासी, दलितों और अल्पसंख्यकों का जिक्र करते हुए कहा कि जो इनका सम्मान करे, आप उसी पार्टी का चयन करें। उसी पार्टी को चुने, जिसने पिछले पांच साल में आपके विकास के लिए काम किया हो और आने वाले पांच साल में भी आपकी भलाई करने वाली हो। कांग्रेस सरकार ने पांच साल काम किया है और अगले पांच साल के लिए सात गारंटियां देकर अपना विजन पेश किया है।