Sunday, October 13, 2024

लाल डायरी केंद्रीय गृह मंत्रालय का है षड्यंत्र, पीएम मोदी से पूछे सात सवाल और कहा कि बायतु की जनसभा में दे जवाब : सीएम गहलोत

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लाल डायरी के चार पन्नों का खुलासा होने के बाद बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जमकर घेरा। सीएम गहलोत ने पीएम मोदी से 7 सवाल पूछने के साथ लाल डायरी को केंद्रीय गृह मंत्रालय का संयंत्र बताया । सीएम गहलोत ने कहा कि जहां तक मैं समझता हूं बाकी तो पता नहीं लाल डायरी और काली डायरी कौनसी है, लेकिन मुझे ऐसा एहसास है कि यह पूरा षड्यंत्र केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंदर हुआऔर और वहीं पर लाल नाम रखा गया डायरी का।

सीएम गहलोत ने कहा किपीएम मोदी चार दिन बाद सीकर में आने वाले थे, उनके पहले उसका दुरुपयोग किया गया जो हमारा मंत्री था, उससे बात करके यह सब षड्यंत्र भाजपा के नेताओं ने किया। हमारे गृह रक्षाराज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के साथ मिलकर भाजपा नेताओं ने यह षड्यंत्र किया। मणिपुर में आग लगी हुई है, दुनिया चिंतित थी, एक राज्य जल रहा है। राज्य छोटा बड़ा हो सकता है। पीएम मोदी और अमित शाह ने इसकी गंभीरता नहीं समझी, उल्टे पीएम मोदी मुझे शांति बनाए रखने की सलाह दे रहे थे, यह क्या है? गुरुवार को कांग्रेस के वार रूम में सीएम गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 7 सवाल पूछते हुए बाड़मेर के बायतु में पीएम के होने वाले दौर में उनके साथ सवालों के जवाबमांगे हैं । सीएम गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री बताएं कि राजस्थान की तरह देश के सभी नागरिकों को 25 लाख का स्वास्थ्य बीमा कब देंगे? सीएम गहलोत नेदूसरा प्रश्न पूछते हुए कहा किपीएम मोदी बताएं देश के सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए ओपीएस कब लागू करेंगे? देश के सभी घरों में 500 रुपए में गैस सिलेंडर कब देंगे? सीएम गहलोत ने तीसरा प्रश्न पूछते हुए पीएम मोदी से कहा कि देश के सभी जरूरतमंद नागरिकों को एक जैसी पेंशन देने वाला राइट टू सोशल सिक्योरिटी कानून कब लागू करेंगे?

सीएम गहलोत ने चौथा प्रश्न पूछते हुए पीएम मोदी से पूछा कि शहर के गरीब लोगों को रोजगार देने के लिए शहरी रोजगार गारंटी योजना कब लागू करेंगे, जिसकी सलाह उनकी खुद की आर्थिक सलाहकार परिषद ने भी उनको दी है? सीएम गहलोत नेपांचवा प्रश्न पूछते हुए पीएम मोदी से पूछा कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा कब देंगे, वह वादा पूरा कब करेंगे? सीएम गहलोत ने छठा प्रश्न पूछते हुए पीएम मोदी से पूछा कि राजस्थान के हिस्से का 76 हजार करोड़ रुपए जो केंद्र सरकार ने रोक रखा है उसे कब जारी करेंगे? सीएम गहलोत नेपीएम मोदी से सातवां प्रश्न पूछते हुए कहा कि अग्निवीर योजना को खत्म कर सेना में पहले जैसी रेगुलर भर्ती कब शुरू करेंगे? प्रधानमंत्री यहां आए तो इसका जवाब दें। मैंने सुना आज पीएम आ रहे हैं उनको चाहिए कि एक राज्य का मुख्यमंत्री उनसे सवाल पूछ रहा है तो उनके जवाब दें।
सीएम गहलोत ने पीएम मोदी और केंद्रीयगृहमंत्री अमित शाह पर प्रदेश में लोगों को भड़काने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा किराजस्थान शांतिप्रिय प्रदेश है, इसमें सभी धर्म, जाति के लोग एक साथ रहते हैं। आप राजस्थान पर कृपा करो, आपका यह एजेंडा यूपी में कामयाब हो गया।

सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान में अगर पीएम और अमित शाह लोगों को भड़का रहे हैं, इसे उचित नहीं कहा जा सकता। हम चाहते हैं राजस्थान शांतिप्रिय प्रदेश है। सभी धर्म सभी जातियों के लोग एक साथ रहते हैं। राजस्थान पर कृपा करो और यहां पर भड़काना बंद करो। यह एजेंडा आपका यूपी में कामयाब हो गया, यहां पर कृपा करके हमें बक्सो। यहां सभी जाति धर्म के लोग प्यार भाईचारे से रहते हैं वहां पर प्राइम मिनिस्टर और गृहमंत्री बोलेंगे, भड़काकर जाएंगे तो वह किसी भी तरह से अस्वीकार्य है।
सीएम गहलोत ने कहा कि कन्हैया लाल मर्डर के मामले में भाजपा  नेताओं की संवेदनशीलता कैसी थी यह सब सामने आ चुका है। हम लोग चिंता कर रहे हैं कि कन्हैया लाल के परिवार को समय पर न्याय कैसे मिले। केस एनआईए को दे दिया। अब हम लोग चिंता कर रहे हैं कि अब तक कार्रवाई क्यों नहीं कर पाए। हमें कभी-कभी लगता है कि जानबूझकर लंबा खींचा गया ताकि चुनाव आए तो उसका फायदा उठाएं।
सीएम गहलोत ने कहा किमुझे दुख होता है कि उनकी बातों में तथ्य ही नहीं है। उदयपुर की घटना को लेकर जो बातें कर रहे हैं उनके पास तथ्य ही नहीं है। बिना तथ्यों के बातें कर रहे हैं। कन्हैया लाल मर्डर केस के आरोपियों का संबंध भाजपा से था। जिस वक्त कन्हैया लाल मर्डर हुआ भाजपा के सारे बड़े नेता गुलाबचंद कटारिया, प्रतिपक्षके नेता राजेंद्र राठौड़ हैदराबाद चले गए थे। उनके कार्यकर्ताओं ने मर्डर कर दिया। हमारी पार्टी की सरकार ने 2 घंटे में आरोपियों को पकड़ लिया। मैं तमाम कार्यक्रम स्थगितकर उदयपुर पहुंचा था और मैं स्थिति को संभाला था। उन्होंने कहा कि अब तो उदयपुर वाले मामले को एनआईए देख रही हैऐसे मेंकेंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को इस बारे में स्पष्ट करना चाहिए कि वह उन दोनों आरोपियों कोन्यायालय के माध्यम से कब तक फांसी की सजा दिला पाएंगे ?

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