Thursday, December 26, 2024

150 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला, 40 पर बिगाड़ेंगे बागी खेल और सीएम गहलोत के 22 मंत्री कड़े संघर्ष में

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राजस्थान में कांग्रेस के उम्मीदवार के निधन के कारण इस बार दो सौ विधानसभा क्षेत्रों की जगह 199 सीटों पर 25 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। विधानसभा आम चुनाव में डेढ़ सौ से अधिक सीटों पर सत्तारुढ़ कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला होने के आसार नजर आने लगे हैं। इस बार के चुनाव में दोनों प्रमुख पार्टियों में बागी उम्मीदवार और अन्य दल के प्रत्याशियों की वजह से चालीस से अधिक सीटों पर त्रिकोणीय के साथ कुछ स्थानों पर चतुष्कोणीय मुकाबला होने के आसार ही बने हुए हैं। इस बार के चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार के 26 मंत्रियों को टिकट मिला हैइसमें से 22 की स्थिति संघर्षपूर्ण है और चार मंत्री चुनाव जीतने की स्थिति में है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का जोधपुर के सरदारपुरा सीट पर भाजपा प्रत्याशी डॉ. महेन्द्र सिंह राठौड़ से सीधा मुकाबला हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का झालरापाटन सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार राम लाल चौहान, विधानसभा अध्यक्ष डॉ सी पी जोशी का नाथद्वारा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार उदयपुर राजघराने के सदस्य वश्विराज सिंह मेवाड़, प्रतिपक्ष नेता राजेन्द्र सिंह राठौड़ का चुरु जिले में तारानगर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी विधायक नरेन्द्र बुढ़ानिया, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का टोंक सीट पर भाजपा प्रत्याशी अजीत सिंह मेहता और  कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का चुनाव पहले भाजपा में शामिल हुए पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया आमेंर से चुनाव लड़ रहे हैं और कांग्रेस के प्रशांत शर्मा उन्हें कड़ी टक्कर दे रखी है। इन सीटों पर सीधा मुकाबला है।

कोटा उत्तर से यूडीएच मंत्री  शांति धारीवाल, बीकानेर पश्चिम से शिक्षा मंत्री डॉ.बी डी कल्ला,  लालसोट से चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा, सिविल लाइंस से खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास सहित कई मंत्रियों का भाजपा प्रत्याशियों से सीधा चुनावी मुकाबला है। इसके अलावा भाजपा के सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का जयपुर के झोंटवाड़ा, सांसदऔर जयपुर की पूर्व राजकुमारी दिया कुमारी का विद्याधऱनगर, राज्यसभा के सदस्यऔर चर्चित नेता डॉ. किरोडी लाल मीणा का सवाईमाधोपुर इस बारभाजपा की बागीआशा मीणा औरकांग्रेस के दानिश अबरार के त्रिकोणी मुकाबला में फंसे हुए।भाजपा की बागी आशा मीणा ने उन्हें कड़ी टक्कर दे रखी है।यह भी चर्चा है कि यहां पर चौंकाने वाले परिणाम भी आ सकते हैं इसलिए डॉ. करोड़ लाल मीणा इस बार कड़े संघर्ष में है। अलवर से सांसद महंत बालकनाथ का तिजारा में कांग्रेस प्रत्याशी के साथ सीधा मुकाबला होने के आसार हैं। इसके अलावा कांग्रेस एवं भाजपा के दर्जनों विधायकों एवं पूर्व विधायकों सहित कई नेताओं के बीच सीधा चुनावी मुकाबला माना जा रहा है।

कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों में दर्जनों की संख्या में बागी उम्मीदवार सामने आए हैं। जिनमें दोनों ही दलों ने कई प्रत्याशियों के मनाने में सफल भी रहे और कई बागियों को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित भी कर दिया है । लेकिन उसके बावजूद भी कई बागी चुनाव मैदान में डटे रहने के कारण पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के लिए समस्या बने हुए हैं और प्रदेश की चालीस से अधिक सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार नजर आ रहे हैं। इनमें सीएम गहलोत सबसे करीबी तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री डॉ.सुभाष गर्ग भरतपुर सीट पर राष्ट्रीय लोकदल से और भाजपा प्रत्याशी विजय बंसल के साथ ही अन्य प्रत्याशी गिरीश चौधरी के साथ त्रिकोणीय संघर्ष में फंसे हुए हैं। 

त्रिकोणीय मुकाबले में सबसे चर्चित विधानसभा क्षेत्र चित्तौड़गढ़ हैजहां परभाजपा से बागी हुए विधायक चन्द्र भान सिंह आक्या भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार और स्वर्गीय उपराष्ट्रपति भसिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी और कांग्रेस के उम्मीदवार धरोहर प्राधिकरण के उपाध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह जाड़ावत के बीच कड़ा मुकाबला हैं। भाजपा के बागी आक्या ने कांग्रेस और भाजपा दोनों के उम्मीदवारों की स्थिति को बिगाड़ के रखा हुआ है। कड़े संघर्ष में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी भी सांसद चित्तौड़़गढ़ से ही हैं और यह उनका गृह जिला होने के बावजूद आक्या के समर्थन में जनसैलाब उमड़ने से सबकी नजर यहां के परिणाम पर टिकी हुई हैं।

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत श्रीमाधोपुर में भाजपा प्रत्याशी के अलावा कांग्रेस बागी बलराम यादव के चुनाव मैदान में होने से त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति में संघर्ष करते नजर आ रहे हैं। लेकिन वे अपने मतदाताओं के बीच यही कहते हैं नजर आ रहे हैं कि मेरा अंतिम चुनाव है और मैं यहां के लिए जो काम किया है वह सबके सामने खड़े संघर्ष में उनकी जीत हो सकती है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल भाजपा से बगावत करने के बाद निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़ रहे हैं।यहां से भाजपा प्रत्याशी लाला राम बैरवा जो की 4 माह पहले ही शिक्षक से वीआरएस लेकर राजनीति में आए हैं और कांग्रेस उम्मीदवार नरेन्द्र कुमार रेगर के साथ त्रिकोणीय चुनावी मुकाबले फंसे हुए  हैं। 

अजमेर से भाजपा  सांसद भागीरथ चौधरी किशनगढ़ सीट पर भाजपा से कांग्रेस में आए विकास चौधरी चुनाव लड़ रहे हैं निर्दलीय विधायक सुरेश टाक चुनाव मैदान में आने के कारण तिकोनी मुकाबला बन गया हैं। इनके आलवा राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के सुप्रीमो और सांसद हनुमान बेनीवाल अपनी पुरानी सीट  खींवसर से कांग्रेस प्रत्याशी तेजपाल मिर्धा और भाजपा के रेवंतराम डांगा के साथ त्रिकोणीय मुकाबले में फस गए हैं। खींवसर में अगर बसपा उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में है। भोपालगढ़ में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विधायक पुखराज गर्ग भी भाजपा की कमसा मेघवाल, कांग्रेस की गीता बरवड़ के साथ त्रिकोणीय चुनावी मुकाबले में फंसे हुए हैं। चौरासी सीट पर भी विधायक राजकुमार रोत भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के सामने त्रिकोणीय मुकाबले में फंसे हैं।

नागौर जिले में दशकों तक राजनीति में अपना अस्तित्व रखने वाला मिर्धी परिवार भी इस बार नागौर विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले में फंसा हैं जहां चुनाव पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आई पूर्व केन्द्रीय मंत्री नाथूराम मिर्धी की पोती पूर्व सांसद ज्योति मिर्धी और पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामनिवास मिर्धी के पुत्र पूर्व मंत्री कांग्रेस उम्मीदवार हरेन्द्र मिर्धी निर्दलीय हबीबुर्रहमान के साथ त्रिकोणीय मुकाबले में फंसे हुए नजर आ रहे हैं। 

नवलगढ़ में पूर्व मंत्री राजकुमार शर्मा कांग्रेस से, लूणकरणसर में पूर्व गृहराज्य मंत्री वीरेन्द्र बेनीवाल निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबले में फंसे हुए हैं। इसी तरह डूंगरगढ, श्रीगंगानगर, सादुलशहर, अनूपगढ़, रायसिंहनगर, हनुमानगढ़, सीकर, वल्लभनगर, जैतारण, धौलपुर, बाडी, बयाना एवं  अलवर जिले में भी दो तीन सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला हैं। अजमेर उत्तर, पुष्कर, डूंगरपुर, चौरासी, सांगवाड़ा, धरियावद, बस्सी, मनोहरथाना, देवली उनियारा सहित कई विधानसभा क्षेत्रों में त्रिकोणीय चुनावी मुकाबला होने के आसार हैं।

सांचौर विधानसभा सीट पर श्रम राज्य मंत्री मंत्री कांग्रेस प्रत्याशी सुखराम विश्नोई, भाजपा उम्मीदवार जालौर सांसद देवजी पटेल का बागी उम्मीदवार जीवराम चौधरी और शमशेर अली सैयद खेल बिगाड़ रखा है और यहां चारों के बीच कड़ा मुकाबला हैं। लाल डायरी का मुद्दा लाकर प्रदेश की राजनीति में तहलका मचाने वाले पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा उदयपुरवाटी सीट पर शिवसेना प्रत्याशी है और उनके सामने भाजपा प्रत्याशी शुभकरण चौधरी, कांग्रेस के भगवानाराम सैनी के अलावा बहुजन समाज पार्टी के संदीप सैनी ने चुनाव को चतुष्कोणीय बना दिया हैं। इसी तरह डीडवाना सीट पर कांग्रेस विधायक चेतन सिंह डूडी, भाजपा प्रत्याशी जितेन्द्र सिंह जोधा, पूर्व मंत्री यूनुस खान के निर्दलीय एवं आम आदमी पार्टी से रामनिवास रायल के बीच चतुष्कोणीय मुकाबला बनता जा रहा है। इसी तरह बाड़मेर जिले में शिव विधानसभा सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ एवं बुजुर्ग नेता अमीन खान,भाजपा के रामस्वरूप,भाजपा के बागी रविंद्र भाटीऔर फतेह खान चुनाव मैदान में है यहां का चुनाव चारों के बीच फंसा हुआ है।

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