Monday, December 23, 2024

ऑयल मार्केट को सऊदी अरब का ‘लॉलीपॉप’, भारत को लगेगा झटका!

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रियाद। सऊदी अरब के नेतृत्व वाले तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक प्लस ने तेल उत्पादन में भारी कटौती की घोषणा की है। सऊदी ने कहा है कि वह जुलाई में 10 लाख बैरल प्रति दिन की कटौती करेगा। इसके बाद से ही एशियाई तेल बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि हुई है। ओपेक प्लस ने यह भी कहा है कि 2024 में तेल उत्पादन में कटौती के इस लक्ष्य को बढ़ाकर 14 लाख बैरल प्रतिदिन कर दिया जाएगा। 

ओपेक प्लस का दुनिया के कच्चे तेल में 40% हिस्सा है और इसके फैसलों का कीमतों पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। ओपेक प्लस 13 तेल उत्पादक देशों का संगठन है, जिसमें सऊदी अरब, यूएई, रूस, ईरान, इराक, कुवैत आदि देश शामिल हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक तेल उत्पादन में कटौती का असर सोमवार को एशियाई बाजार में भी दिखा और ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 2.4% की वृद्धि हुई और यह 77 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।  

oil production | Sach Bedhadak

प्रतिदिन 10 लाख बैरल कटौती संभव 

सऊदी अरब ने पांच लाख बैरल प्रतिदिन और इराक ने 2 लाख 11 हजार बैरल की कटौती की थी। इससे कोई स्थाई सुधार देखने को नहीं मिला। इसे देखते हुए ओपेक प्लस ने एक बार फिर तेल की कीमतों को बढ़ाने का फै सला किया है। रविवार को सऊदी ऊर्जा मंत्री ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो 10 लाख बैरल प्रति दिन तेल उत्पादन में कटौती को जुलाई के बाद के महीनों में भी जारी रखा जा सकता है। यह बाजार स्थिर रखने के लिए एक सऊदी लॉलीपॉप है।

भारत पर असर 

सऊदी अरब का यह कदम आने वाले महीनों में तेल की कीमतें बढ़ाएगा और मांग में अनिश्चितता पैदा करेगा। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है और इसकी अर्थव्यवस्था तेल पर आधारित है। अगर तेल उत्पादन कम होगा तो बाजार में तेल की कीमतें बढ़ेंगी। तेल की कीमतें बढ़ने से भारत की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है। आशंका है कि इस कटौती से भारत सहित विश्व के कई देशों में महंगाई और बढ़ सकती है।

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