चाकसू से कांग्रेस प्रत्याशी और विधायक वेद प्रकाश सोलंकी को चेक बाउंस मामले में बुधवार को बहरोड़ एसीजेएम-3 न्यायाधीश निखिल सिंह ने 1 साल की जेल की और ₹ 55 लाख के आर्थिक दंड की सजा सुनाई । बहरोड़ एसीजेएम-3 न्यायाधीश निखिल सिंह ने 8 साल पुराने मामले में यह आदेश दिए हैं। उस समय सोलंकी कोटपूतली-बहरोड़ जिले के बानसूर में प्रॉपर्टी का काम करते थे। इस दौरान प्लॉट दिलाने के नाम पर शिक्षा विभाग से रिटायर्ड पीटीआई से 35 लाख रुपए नगद लिए थे। बाद में प्लॉट नहीं दिला पाने कारण उन्होंने 35 लाख के चेक थमा दिए। यह चेक बाउंस होने पर पीड़ित ने मामला दर्ज करवाया था।
अधिवक्ता भूपेंद्र कुमार प्रजापत ने बताया कि मुंडावर क्षेत्र (अलवर) के गांव हुलमाना खुर्द निवासी मोहर सिंह यादव और वेद प्रकाश सोलंकी के बीच अच्छी जान पहचान थी। वेद प्रकाश सोलंकी ने पीटीआई को कहा था कि वह उसे बानसूर में सस्ती दर पर अच्छी लोकेशन में प्लॉट दिला देंगे। इसके लिए उन्होंने कई जगह उन्हें जमीन दिखाई। दोनों के बीच एक प्लॉट को लेकर सौदा तय हो गया।
उन्होंने बताया कि 20 जून 2015 को मोहर सिंह ने सोलंकी को प्लॉट के लिए 35 लाख रुपए दे दिए। काफी दिनों तक प्लॉट नहीं दिलाने पर मोहर सिंह ने रुपए वापस लौटने की बात कही। इस पर सोलंकी ने 10 सितंबर 2015 को जयपुर के मानसरोवर स्थित एक्सिस बैंक का चेक दे दिया। चेक बाउंस होने पर मोहर सिंह ने सोलंकी से रुपए लौटाने और चेक बाउंस होने की बात कही। रुपए नहीं लौटाने पर पीड़ित ने 30 अक्टूबर 2015 को मामला दर्ज करवाया। जिसके बाद यह मामला कोर्ट में चला।
मामला कोर्ट में पहुंचने के आठ महीने बाद सोलंकी ने खुद के बचाव में 8 जुलाई 2016 को धोखाधड़ी से चेक हड़पने का मामला दर्ज कराया था। इस पर मुकदमा नंबर 590/16 प्रताप नगर जयपुर थाने में अभी लंबित है। प्रताप नगर पुलिस ने बहरोड़ कोर्ट में मूल चेक लेने के लिए प्रार्थना पत्र भी पेश किया था।
मामले को बढ़ता देख 9 अक्टूबर 2019 को कांग्रेस विधायक सोलंकी ने मोहर सिंह के साथ समझौता कर राजीनामा किया। स्टांप पेपर पर 24 लाख रुपए लौटाने पर समझौता हुआ था। यह स्टांप पेपर कोर्ट में भी पेश किया था। इसमें तीन महीने में सोलंकी द्वारा रुपए नहीं लौटाने पर कानूनी प्रक्रिया जारी रखने की बात कही गई थी। समझौते के तीन महीने बाद सोलंकी ने मोहर सिंह को रुपए वापस नहीं लौटाए। ऐसे में कोर्ट ने राशि जमा कराने के आदेश दिए। 4 नवंबर 2023 को 27 लाख 31 हजार 194 का बैंक ड्राफ्ट से कोर्ट में अमानत राशि जमा करवा दी थी। इसके बाद बाकी राशि सोलंकी द्वारा जमा नहीं करवाई गई। कोर्ट में 125 तारीखों में मामले की सुनवाई हुई।
कोर्ट ने सुनवाई करते हुए विधायक वेद प्रकाश सोलंकी को एक साल के साधारण कारावास और 55 लाख रुपए के आर्थिक दंड की सजा सुनाई। जुर्माना नहीं चुकाने पर 6 महीने सजा बढ़ जाएगी।मामले को लेकर अन्य कोर्ट में अपील करने के लिए कांग्रेस विधायक सोलंकी को एक महीने का समय दिया है। अगर अपील खारिज होती है तो सजा के साथ ही पीड़ित को राशि भी लौटानी पड़ेगी।