कहते हैं कि पुलिस चाहे तो मंदिर के बाहर से चप्पल भी चोरी नहीं हो सकती।एक सिस्टर के तहत पुलिस अपनी पुलिसिंग को चलाती हैं लेकिन जब ये सिस्टम ही फेल हो जाये और पुलिस के लोग ही अपने आप को सर्वोच्च सत्ता का अधिकारी मानने लग जाये तब इस तरह की घटना होती दिखाई देती हैं और अब पुलिस के ही अधिकारी एक दूसरे विभाग पर गलती उड़ेल रहे हैं। पुलिस के लापरवाही के कारण प्रदेश में इतनी बड़ी घटना हो जाती हैं और पुलिस के पास कहने के लिये कोई भी ठोस जवाब नहीं हैं।
राजपूत करनी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामड़ी की हत्या के मामले में राजस्थान पुलिस की लापरवाही खुलकर उजागर हो गई है ।
आतंकवाद निरोधक दस्ता के उपमहानिरीक्षक अंशुमन भौमिया का पत्र मीडिया में सामने आने से पता चला है कि 14 मार्च 2023 को एटीएस ने एडीजी आसूचना एवं सूरक्षा को बता दिया था कि बठिंडा जेल में बंद गैंगस्टर संपत नेहरा (लॉरेंस विश्नोई गैंग) की तरफ से सुखदेव सिंह गोगामड़ी को मारने की योजना बनाने की सूचना मिली है । इसके लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए। लेकिन राजस्थान पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, ना ही सुरक्षा मांगने पर सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को सुरक्षा मुहैया करवाई गई ।
अब डीजीपी उमेश मिश्रा ने गोगामेड़ी हत्याकांड की सघन जांच के लिए एसआईटी गठित की है ।अब इस सब घटनाक्रम के बाद इसकी जाँच एडीजी क्राइम दिनेश एनएम के पर्यवेक्षण में एसआईटी गठित की गई है। दिनेश एमएन इसकी जाँच की रिपोर्ट डीजीपी को देंगे।
डीजीपी उमेश मिश्रा ने बताया है कि गोगामेड़ी हत्याकांड के दोनों अभियुक्तों की पहचान हो गई है । साथ ही इन अभियुक्तों के बारे में जानकारी देने वालो को 5-5 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की गई है। उन्होंने बताया कि पुलिस जल्द से जल्द कार्यवाही कर दोषियों की गिरफ़्तार कर लिया जाएगा।