तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा को शुक्रवार को लोकसभा से निष्कासित कर दिया है। टीएमसी सांसद पर ये कार्रवाई कैश फॉर क्वेरी मामले में एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पेश होने के बाद की गई है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि.लोकसभा की कमेटी की रिपोर्ट को को स्वीकार करता है। जिसमें सांसद महुआ मोइत्रा का आचरण एक सांसद के रूप में अनैतिक और अशोभनीय बताया गया है। इसलिए उनका सांसद बने रहना उचित नहीं है।
एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के बाद उनके निष्कासन का प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया गया। इसके बाद महुआ मोइत्रा के निष्कासन प्रस्ताव को लेकर मतदान हुआ। जैसे ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस प्रस्ताव के निर्णय के लिए मतदान करने की प्रक्रिया शुरू की। सदन से विपक्ष ने बॉयकॉट कर दिया।
लोकसभा में मतदान के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मोइत्रा के खिलाफ निष्कासन प्रस्ताव पास कर दिया। लोकसभा से निष्कासन के बाद टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने मुझे झुकाने के लिए बनाई गई अपनी रिपोर्ट में हर नियम तोड़ दिया।
इससे पहले भी चर्चा के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने महुआ मोइत्रा को सदन में बोलने की इजाजत नहीं दी थी। उन्होंने कहा था कि उन्हें पैनल बैठक में बोलने का मौका मिला था। लोकसभा में शुक्रवार 8 दिसंबर को सदन सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू हुई और एथिक्स कमेटी की 500 पेज की रिपोर्ट 12 बजे एथिक्स कमेटी चेयरमैन विजय सोनकर ने रिपोर्ट पेश की। जिसमें महुआ की संसद सदस्यता रद्द करने की सिफारिश और कानूनी जांच की मांग की गई थी।
टीएमसी ने मांग की थी कि 400 पेज की रिपोर्ट पढ़ने के लिए 48 घंटों का समय दिया जाए। चार मिनट बाद ही 12 बजे तक के लिए स्थगित हो गया। लोकसभा में इस पर सदन में 3 बार हंगामा हुआ। दो बार कार्यवाही स्थगित हुई। दोपहर 2 बजे से तीसरी बार कार्यवाही शुरू होने पर महुआ के निष्कासन पर मतदान हुआ ।