Thursday, October 17, 2024

सरकार के आदेशों की हो रही आधी-अधूरी पालना! अधिकारी कर रहें अपने हिसाब से निर्देशों की पालना

Must read

बीजेपी के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद बड़ा फ़ैसला आया था की अब किसी भी सरकारी कार्यालयों में संविदा पर लगे हुए अधिकारी-कर्मचारियों को हटाया जाये। भजनलाल सरकार ने सभी विभागों में रिटायरमेंट के बाद और पिछले दरवाजे से एजेंसियों के जरिए लगे सभी अधिकारी-कर्मचारियों को हटाने के आदेश दे दिये हैं और अब इसकी पालना करते हुए सभी विभागों से ऐसे कर्मचारियों और अधिकारियों को हटाया जा रहा हैं। इसके तहत पुलिस, स्वायत्त शासन विभाग समेत कई विभागों में सैकड़ों लोगों की छुट्टी कर दी गई। लेकिन, जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) में टाउन प्लानिंग विंग के आधे लोग ही हटाए गए। अब सरकार के ख़िलाफ़ इससे हटाए गए टाउन प्लानर्स और अन्य लोगों में भारी आक्रोश है। 
इनका आरोप है कि सरकार के आदेश के तहत सभी के साथ समान व्यवहार करते हुए सबको हटाया जाना चाहिए था। लेकिन, जेडीए के अफसरों ने अपने चहेते लोगों को रोक लिया जबकि बाकी लोगों को हटा दिया गया। अब वे लोग हाईकोर्ट जाने की तैयारी में हैं। हटाए गए लोगों का आरोप है कि नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा जीरो टॉलरेंस पॉलिसी के तहत भ्रष्टाचार रोकने के लिए जबरदस्त कार्य कर रहे हैं। लेकिन, जेडीए के अफसर जानबूझकर उनके आदेशों की अनदेखी करने के साथ ही उन्हें गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। 
आरोप है कि जेडीए टाउनशिप विंग में जिन टाउन प्लानरो को रोका गया है, उनमें कई तो ऐसे हैं जो खुद के या धर्म पत्नी के नाम से कंपनी अथवा फर्में चला रहे हैं। इन लोगों की निदेशक (आयोजना) से मिलीभगत की शिकायतें भी हैं। हटाए गए अरबन प्लानर कह रहे हैं कि जिन 12 अरबन प्लानरों को रेशनालाइजेशन के नाम पर रोका गया है, उनमें उन्होंने भी वही काम किए हैं जो हम लोगों ने किए थे। लेकिन, इनमें अधिकतर नियमित नगर नियोजकों के दिलों के काफी करीब हैं। 
जेडीए सूत्रों की मानें तो जब भी कोई नीति लागू की जाती है तो जब तक उसका 100 प्रतिशत पालन ना हो तो भ्रष्टाचार के अंश सिस्टम में रह जाते हैं। इसके बाद यह रोग तेजी से पनपने लगता है। जेडीए में लैंड फॉर लैंड के प्रकरणों की सूची भी भ्रष्ट अफसरो द्वारा तैयार की जा रही है। क्योंकि करीब 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा की जमीनों का आवंटन जांच के दायरे में है। इनमें भी रोके गए 12 अरबन प्लानरों की महत्ती भूमिका रही है। जबकि मुख्य सचिव सुधांश पंत के स्पष्ट निर्देश हैं कि जो नियम विरुद्ध कार्यवाही या भ्रष्टाचार में लिप्त रहा है, ऐसा एक भी अधिकारी जेडीए में नहीं रहना चाहिए। इसी आधार पर हटाए गए अरबन प्लानर अब हाईकोर्ट में जाने की तैयारी कर रहे हैं। 

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest article