केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलनरत भरतपुर-धौलपुर के जाट समाज के प्रतिनिधि मंडल की मंगलवार सरकार से वार्ता के बाद पत्रकारों से बातचीत में जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने बुधवार को दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रेक जाम करने का फैसला फिलहाल स्थगित कर दिया है।
सरकार ने तीन दिन के भीतर केंद्र से इस संबंध में वार्ता कराने का आश्वासन समिति को दिया है। ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर-धौलपुर के जाट समाज के लोग पिछले 21 दिनों से जयचोली गांव में पड़ाव डाले हुए हैं। रेलवे ट्रैक जाम करने का फैसला स्थगित करने की घोषणा समिति के अध्यक्ष नेम सिंह फौजदार ने की।
सरकार की ओर से वार्ता कर रहे जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जाट समाज की मांगों को लेकर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा सरकार गंभीर है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार तीन दिन के भीतर संघर्ष समिति प्रतिनिधिमंडल की केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रियों से वार्ता कराएगी और उनकी समस्या का समाधान कराया जाएगा। जलदाय मंत्री चौधरी ने कहा कि राज सरकार भी केंद्र सरकार के सामने इस मामले को लेकर मजबूत पैरवी करेगी और जाट समाज को उनका दिलाया जाएगा।
जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष नेम सिंह फौजदार ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार के साथ वार्ता सकारात्मक रही है। केंद्र सरकार से वार्ता कराने का आश्वासन दिया गया है तब तक के लिए रेलवे ट्रेक जाम करने का फैसला स्थगित किया है। इससे पहले मंगलवार को समिति के प्रतिनिधिमंडल और सरकार के प्रमुख अधिकारियों के बीच वार्ता का दौर चला। इससे पहले बीते माह भी प्रतिदिन मंडल की जयपुर में सरकार से वार्ता हुई थी लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल पाया था।
प्रमुख तीन मांगें
केंद्र सरकार में भरतपुर-धौलपुर के जाट समाज को ओबीसी में आरक्षण, 56 युवाओं को चयन के बावजूद शारीरिक शिक्षक सहितअन्य पदों पर नियुक्ति नहीं मिली है, उन्हें नियुक्ति दी जाए और वर्ष 2017 के आंदोलन के दौरान समाज के युवाओं और लोगों पर दर्ज हुए मुकदमे वापस लिए जाएं।